नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 51 प्रोफेसरों ने एक प्रेस रिलीज जारी है. और CAA को वापस लेने की मांग की है.
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वाराणसी: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC (National Register of Citizens) के खिलाफ भले देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन खत्म हो गए हों, लेकिन छात्रों का प्रदर्शन अभी भी देशभर में जारी है. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में छात्रों के प्रदर्शन के बाद प्रोफेसरों ने भी कानून के विरोध में मोर्चा खोल दिया है.
बीएचयू (Banaras Hindu University) के प्रोफेसरों ने सिग्नेचर कैम्पेन चलाकर कानून का विरोध किया. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 51 प्रोफेसरों ने एक प्रेस रिलीज भी जारी की है. और CAA को वापस लेने की मांग की है.
साथ ही प्रोफेसरों ने जामिया इस्लामिया, बीएचयू और देश के अन्य शिक्षण संस्थाओं में छात्रों के प्रदर्शन का समर्थन भी किया है.
गौरतलब है कि इससे पहले BHU के 101वें दीक्षांत समारोह में आए एक छात्र ने CAA के विरोध स्वरूप डिग्री लेने से इनकार कर दिया था. छात्र नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई अपने साथियों की गिरफ्तारी से नाराज था. एमए हिस्ट्री ऑफ आर्ट के छात्र रजत सिंह ने डिग्री लेने से मना करते हुए कहा था कि "हम ऐसे सभी सांप्रदायिक कानून का विरोध करते हैं, जो विघटनकारी है".