बाराबंकी: बाराबंकी का चैनपुरवा गांव की महिलाएं शराब बेचने के लिए बदनाम थीं, लेकिन अब वो अब शराब नहीं बल्कि शहद बेंचेगी. बाराबंकी जिले के रामनगर पुलिस थाने के मध्य स्थित चैनपुरवा गांव 'अवैध शराब' के उत्पादन और बिक्री के लिए बदनाम था. अवैध शराब के कारोबार ने यहां के कई  परिवारों को नष्ट कर दिया है और कई लोगों की जिंदगी खत्म कर दी है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मेरठ में चलती बस में ड्राइवर-कंडक्टर ने किया गैंगरेप, बेहोश होने पर महिला को फेंका 


अवैध शराब की बिक्री में ज्यादातर महिलाएं शामिल होती हैं, जो अपनी रसोई चलाने के लिए अवैध शराब बनाती हैं. बताया जाता है कि इन महिलाओं के पास आजीविका का कोई साधन नहीं है. ऐसे में अवैध शराब के कारोबार कर वो अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं. हालांकि, इन महिलाओं द्वारा बनाई गई शराब ने कई लोगों की जिंदगी छीन ली है और अपने बच्चों का पेट भरने के लिए अवैध शराब बनाने और बेचने के लिए मजबूर है. इसी तरह 50 वर्षीय सुंदरा के पति, शराब पीने के बाद शारीरिक रूप से अक्षम हो गए, लेकिन सुंदरा लखनऊ में पढ़ रहे अपने दो बच्चों के स्कूल की फीस का खर्च उठाने के लिए इसे बेचना जारी रखने के लिए मजबूर हैं. 


गोंडा जिला जेल में हुई कैदी की मौत, जेल प्रशासन पर परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप


बाराबंकी पुलिस ने कानून की नजर में अपराधी इन महिलाओं की मदद के लिए एक पहल की है. पुलिस उन्हें शहद उत्पादन करने और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करके अब 'जहर के कारोबार' से बाहर लाने की कोशिश कर रही है. बाराबंकी जिले के ग्रामीण इलाकों में कम से कम 18 पुलिस स्टेशनों की पहचान की गई है जहां शहद के डिब्बे वितरित किए जाएंगे. इस प्रकार महिलाओं को अपराध मुक्त जीवन जीने के लिए गंदे व्यवसाय से बाहर आने में मदद मिलेगी. 


WATCH LIVE TV