बाराबंकी स्थित विश्वास ट्रेडिंग कंपनी से 65 लाख रुपये वसूले जाने के बाद मामले में जिले की पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे रहे थे. कंपनी का आरोप है कि उनके लोगों को एसपी के दफ्तर में बुलाकर धमकाया गया.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. सतीश कुमार को एक कंपनी को धमकाकर उससे 65 लाख रुपये वसूले जाने के मामले में संलिप्त रहने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. राज्य सरकार ने डॉ. सतीश कुमार को निलंबित करने और नए पुलिस कप्तान की नियुक्ति के लिए निर्वाचन आयोग से इजाजत मांगी थी. अनुमति मिलने के बाद गुरुवार (04 अप्रैल) को उन्हें निलंबित कर दिया गया.
बाराबंकी स्थित विश्वास ट्रेडिंग कंपनी से 65 लाख रुपये वसूले जाने के बाद मामले में जिले की पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे रहे थे. कंपनी का आरोप है कि उनके लोगों को एसपी के दफ्तर में बुलाकर धमकाया गया. एसपी डॉ. सतीश कुमार कथित रूप से इस मामले में ढिलाई बरत रहे थे. उनसे पूछताछ में किसी सवाल का जवाब में कोई उचित उत्तर नहीं मिला. इसके बाद पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने कुमार को निलंबित कर दिया.
कंपनी ने प्रमुख सचिव (गृह) अरविंद कुमार को एसपी के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव सौंपा था. गृह विभाग से यह प्रस्ताव मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय के पास भेज दिया गया. इस मामले में कार्रवाई की सहमति राज्य सरकार ने दे दी थी.
विश्वास ट्रेडिंग कंपनी के शंकर गायन ने लखनऊ में हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर साइबर क्राइम सेल के प्रभारी अनूप कुमार यादव व उसके साथियों पर 65 लाख रुपये वसूलने का आरोप लगाया था.
आरोप था कि अनूप ने कंपनी के प्रसन्नजीत सरदार, शंकर गायन और धीरज श्रीवास्तव को कंपनी के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामले की जांच के बहाने दस्तावेज के साथ 10 जनवरी को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बुलाया, वहां से अपने आवास ले जाकर 65 लाख रुपये मांगे और न देने पर कंपनी बंद कराने की धमकी दी. उन्होंने डरकर 65 लाख रुपये दे दिए. अनूप ने 11 जनवरी को इन्हें फिर बुलाया और जेल भेज दिया.