प्रथम चरण में मथुरा से हाथरस, दूसरे चरण में हाथरस से कासगंज,तीसरे चरण में कासगंज से बदायूं और चौथे चरण में बदायूं से बरेली का निर्माण होगा.
बता दें कि इस हाईवे के पहले चरण में मथुरा से हाथरस तक ज्यादातर हिस्से का काम पूरा हो चुका है. पहले चरण का कार्य पीएनसी इंफ्रा व अन्य के द्वारा किया जा रहा है.
वहीं दूसरे हिस्से में हाथरस से कासगंज,तीसरे चरण में कासगंज से बदायूं का काम होना है. जिस पर काम शुरू हो चुका है. दूसरे और तीसरे चरण का काम जीआर इन्फ्रा के द्वारा कराया जा रहा है.
वहीं चौथे पैकेज में बदायूं से बरेली तक निर्माण किया जाना है. जिसकी कुल लंबाई 38.5 किलोमीटर है. चौथे चरण के काम की जिम्मेदारी हरियाणा की धारीवाल कंस्ट्रक्शन को दी गई है.
इस पैकेज पर कंपनी काम तब शुरू करेगी जब 80 फीसदी जमीन का अधिग्रहण हो जाएगा. कुल 33 गांवों की जमीन ली जाएगी. अभी 29 गांव में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. जबकि बाकी चार में अधिग्रहण का काम चल रहा है. मुआवजे और जमीन पर कब्जा लेने में करीब 5 महीने लगेंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस महीने के आखिरी तक चयनित फर्म के साथ अनुबंध हो जाएगा. इसके बाद काम शुरू करने के लिए 5 महीने मिलेंगे. माना जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट दो साल में पूरा कर लिया जाएगा.
हाईवे का काम पूरा हो जाने के बाद बरेली से मथुरा तक फर्राटेदार सफर होगा. आबादी वाले इलाकों में अंडरपास और ओवरब्रिज बनाए जाएंगे, जिससे जाम की समस्या न हो. बरेली से मथुरा तक जाने में लगने वाला समय भी कम हो जाएगा.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.