UP News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या से लखनऊ के रास्ते दिल्ली के आनंद विहार जा रही वीआइपी ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस के यात्री भी अब भीषण गर्मी से बचे नहीं रहे हैं. ट्रेन के एक एसी चेयरकार बोगी का एसी काम नहीं कर रहा था. जिससे ट्रेन में यात्रा कर रहे सभी यात्रियों को गर्मी में सफर करना पड़ा. लखनऊ पहुंचकर यात्रियों ने इस समस्या के ऊपर नाराजरी भी जताई. बाद में करीब 20 मिनट की देरी के बाद ट्रेन लखनऊ से आगे के लिए रवाना हो सकी.


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ट्रेन में शुरू से थी दिक्कत
ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों ने बताया कि ट्रेन में शुरू से ही दिक्कत थी. आपको बता दें कि ट्रेन नंबर 22425 अयोध्या-आनंद विहार वंदे भारत एक्सप्रेस शनिवार दोपहर 03:20 बजे अयोध्या से आनंद विहार के लिए रवाना हुई थी. यात्रियों ने बताया कि ट्रेन की बोगी सी-3 में शुरू से ही कूलिंग नहीं हो रही थी. इसकी शिकायत सभी यात्रियों ने कोच अटेंडेंट से भी की थी. एसी न चलने के कारण यात्रियों ने बोगी के गेट को बंद नहीं होने दिया था. बाद में लखनऊ स्टेशन के निदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि मौके पर आए वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता समझाने के बाद ट्रेन को रवाना किया गया था.


राजधानी में भी हुआ कोच का एसी खराब
वहीं दूसरे मामले में नई दिल्ली से डिब्रूगढ़ तक चलने वाली ट्रेन संख्या 20504 राजधानी एक्सप्रेस के भी एक द्वितीय श्रेणी कोच का एसी खराब होने की खबर सामने आई है. इससे परेशान हुए यात्रियों ने ट्रेन को करीब 2 घंटे तक आगे नहीं बढ़ने दिया था. 


2 घंटे तक रुकी ट्रेन
आपको बता दें राजधानी एक्सप्रेस के दिल्ली से चलकर बरेली जंक्शन गपुमचने कता समय दोपहर बाद 3 बजकर 23 मिनट का है. परंतु यात्रियों के हंगामे के बीच शनिवार को यह ट्रेन स्टेशन पर शाम को 4 बजकर 58 मिनट पर पहुंची थी. ज्ञात हो कि ट्रेन में 13 एसी तृतीय, चार एसी द्वितीय और एक कोच एसी प्रथम को कुल मिलाकर 18 कोच थे. दिल्ली से चलकर ट्रेन मुरादाबाद भी नहीं पहुंची थी. तभी एसी के दूसरे क्लास के एक कोच का एसी ने काम करना बंद कर दिया. तमाम कोशिशों के बाद भी जब एसी ठीक नहीं हुआ. वहां मौजूद अधिकारियों ने यार्ड से दूसरा कोच मंगाकर लगाने का निर्णय लिया. 


श्रमजीवी एक्सप्रेस के साथ कई ट्रेनों के बदले गए प्लेटफॉर्म
राजधानी एक्सप्रेस में नया कोच लगाने के निर्णय से पीछे से आ रही श्रमजीवी एक्सप्रेस के साथ कई ट्रेनों के लिए प्रस्तावित प्लेटफॉर्म बदलने पड़े. इन ट्रेनों में श्रमजीवी एक्सप्रेस के साथ गुरुमुखी सुपरफास्ट और काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस भी शामिल थी.