शासन द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करने के संबंध में ऑफिस में बैठ कर आधिकारी मीटिंग करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ही बयां कर रही है.
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राघवेंद्र सिंह/बस्ती: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में कोविड-19 के गाइडलाइन की लगातार धज्जियां उड़ रही हैं. कहीं स्वास्थ्य विभाग को कर्मचारी लगातार बेझिझक खुले में कोरोना जांच किट को सड़कों पर फेंक देते हैं तो कहीं सरकारी ऑफिस के अधिकारी बिना मास्क के घूमते पाए जाते हैं. और तो और ऑफिस में फीवर जांच मशीन, ऑक्सीजन जांच मशीन और सैनिटाइजर भी गायब हैं.
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शासनादेश का कोई पालन नहीं
शासन द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करने के संबंध में ऑफिस में बैठ कर आधिकारी मीटिंग करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ही बयां कर रही है. हर्रैया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोविड-19 की रैपिड एंटीजन किट को जांच के बाद खुले में फैक दिया जाता है, जिससे कोरोना फैलने का खतरा बढ़ गया है. जबकि सरकार का निर्देश है कि रैपिड एंटीजन किट को डिस्पोजल के लिए प्लास्टिक के थैले में बंद कर, गाड़ी में ले जाकर गड्ढे में दबा दिया जाए और मिट्टी डाला दी जाए. लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते इसे खुले में फैक दिया जा रहा है.
CMO भेजेंगे डॉक्टरों को नोटिस
बात करें सरकारी ऑफिस की तो वहां लोग बिना मास्क घूम रहे हैं. कई ऑफिस से सैनिटाइजर और बुखार मापने वाली मशीन भी गायब है. हर जगह गंदगी के अंबार लगे हुए हैं. इस संबंध में प्रभारी CMO से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोरोना किट को खुले फैंक देना बड़ी लापरवाही है. संबिधत डॉक्टरों को नोटिस भेजा जाएगा.
ग्रामीण भी बैठ सकते हैं धरने पर
साथ ही, इस मामले पर एक ग्रामीण चंदमनी पांडेय ने बताया कि यह लापरवाही है और इसके खिलाफ धरने पर बैठेंगे. ऐसी लापरवाही के चलते स्वछ भारत मिशन को भी झटका लग रहा है. इसपर जनता आवाज उठाएगी.
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