Basti News: 3 दिसंबर 2003 को विधान परिषद चुनाव के वोटों की काउंटिंग चल रही थी. इस दौरान सपा प्रत्याशी कांचना सिंह और उनके समर्थकों ने तत्कालीन डीएम अनिल कुमार द्वितीय पर चुनाव की मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए मतगणना स्थल पर डीएम से अभद्रता की थी.
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राघवेंद्र सिंह/बस्ती: बस्ती की एमपीएमएल कोर्ट ने 22 साल पुराने मामले में बड़ा सुनाया है. कोर्ट ने एक पूर्व विधायक समेत पांच लोगों को तीन साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने सभी को दोषी मानते हुए जेल भेजने का आदेश दिया है. हालांकि, इसमें से एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है.
22 साल पुराना मामला
दरअसल, 3 दिसंबर 2003 को विधान परिषद चुनाव के वोटों की काउंटिंग चल रही थी. इस दौरान सपा प्रत्याशी कांचना सिंह और उनके समर्थकों ने तत्कालीन डीएम अनिल कुमार द्वितीय पर चुनाव की मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए मतगणना स्थल पर डीएम से अभद्रता की थी. साथ ही एडीएम रहे श्रीश दुबे के साथ मारपीट करने का आरोप था. इस मामले में प्रशासन ने 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इसकी सुनवाई लोवर कोर्ट में चल रही थी.
लोवर कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा
लोवर कोर्ट में गवाही पूरी होने के बाद 6 आरोपियों को तीन साल की सजा सुनाई गई है. सजा के खिलाफ सभी आरोपी एमपीएमएल कोर्ट गए, जहां पर कोर्ट ने लोवर कोर्ट की तीन साल की सजा को बरकरार रखा और सभी आरोपियों को हिरासत ने लेने का आदेश दिया. पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर सभी मुलजिमों को हिरासत में ले लिया. हिरासत में लेने के बाद इनको जेल भेज दिया गया है.
सपा प्रत्याशी की पहले ही हो चुकी है मौत
2003 में सपा एमएलसी प्रत्याशी कांचना सिंह की मुकदमे के दौरान मौत हो चुकी है, उनके पति पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह पैरालिसिस की वजह से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं, बाकी 5 आरोपी को कोर्ट के आदेश पर हिरासत में ले लिए गया है. पूर्व विधायक संजय जायसवाल उस समय सपा प्रत्याशी कांचना सिंह के सपोर्ट में थे. बाद में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर एमएलए का चुनाव जीता. उसके बाद बीजेपी के टिकट पर रूधौली विधानसभा से चुनाव जीते. बीते विधानसभा चुनाव में संजय जायसवाल बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और चुनाव हार गए थे.
राजनीतिक करियर पर लगा ब्रेक
वहीं, त्र्यंबक नाथ पाठक पिछले विधानसभा चुनाव ने हर्रया विधानसभा से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और चुनाव हार गए थे. महेश सिंह लगातार गौर ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं. कोर्ट के तीन साल की सजा सुनाई जाने के बाद अब इन नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर ब्रेक लग गया. अब यह लोग चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.
जमानत के लिए हाईकोर्ट में कर सकते हैं अपील
एमपीएमएलए कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता देवानंद सिंह ने बताया कि 2003 ने एमएलसी चुनाव में मतगणना को लेकर मारपीट हुई थी, जिस मामले में लोवर कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी. इसको एमपीएमएल कोर्ट ने बहाल रखा. अब सभी आरोपी जेल जाएंगे, हाई कोर्ट में यह लोग जमानत के लिए अपील कर सकते हैं.