बातों के बीच शहीद सीओ और पूर्व डीजीपी के बीच तत्कालीन एसएसपी अनंतदेव को लेकर भी बात होती है. इस दौरान वे अनंतदेव के भ्रष्टाचार पर खुलकर बात करते हुए सुने जा सकते हैं. हालांकि जी मीडिया इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.
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कानपुर: बिकरू कांड में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा की मोबाइल पर कथित बातचीत के एक के बाद एक ऑडियो वायरल हो रहे हैं. ऑडियो में उनकी एक और पूर्व डीजीपी से बातचीत का दावा किया गया है. इसमें भी सीओ ने पूर्व एसएसपी अनंतदेव पर तमाम आरोप लगाए हैं. ऑडियो में पूर्व डीजीपी ने भी कुछ पुलिसवालों पर तल्ख टिप्पणी की है. हालांकि जी मीडिया इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.
ऑडियो की शुरुआत कानपुर में नए एसएसपी की तैनाती की बातको लेकर होती है. बिल्हौर के शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा अपनी पोस्टिंग को पूर्व डीजीपी से सिफारिश कर रहे हैं. वे उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें एसएसपी दिनेश कुमार के कहकर कानपुर के देहात इलाके में ही रहने दें ताकि उनकी तैनाती किसी कोरोना प्रभावित सर्किल में न हो. इन्हीं बातों के बीच शहीद सीओ और पूर्व डीजीपी के बीच तत्कालीन एसएसपी अनंतदेव को लेकर भी बात होती है. इस दौरान वे अनंतदेव के भ्रष्टाचार पर खुलकर बात करते हुए सुने जा सकते हैं. इस दौरान की बातचीत कुछ इस तरह है -
शहीद सीओ- तत्कालीन एसएसपी करोड़ों-अरबों रुपया लेकर चला गया। यहां पर कोई लोहिया पथ है कौन है, किसी से ईंट, मौरंग, सीमेंट, लोहा व्यापारी यही करता रहा है.
पूर्व डीजीपी- लोहिया पथ पर क्या करेगा?
शहीद सीओ- ये सर जब एसटीएफ में था तब मायावती सरकार ने जो ददुआ मारा गया था तो प्लॉट दिया गया था.
पूर्व डीजीपी- मैंने ही दिलाया था। मैं उस समय आईजी एसटीएफ था, ये मेरा एडिशनल एसपी था.
शहीद सीओ- उसी में सर इसने बड़ा सा बंगला खड़ा कर दिया है.
पूर्व डीजीपी- कहां यहीं लखनऊ में?
शहीद सीओ- लखनऊ में
पूर्व डीजीपी- हां तो इसको प्लॉट तभी दिलवाया था
शहीद सीओ- जी सर, जी सर
पूर्व डीजीपी- मैंने ही इसको एलॉट कराया था, एलडीए से प्लॉट, फ्री मिला था
शहीद सीओ- जी सर, जी सर, इसी में पूरा कर रहा था
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सीओ बिल्हौर के पद पर तैनात रहे देवेंद्र मिश्रा ये भी बताते हैं कि अनंतदेव जब तक रहे, खूब संपत्ति बनाई.
शहीद सीओ- जब तक एडीजी रहे थे, इसके #%$& थे. प्रेम प्रकाश दबाए रहते थे एसएसपी को. जैसे ही वो चले गए फिर शुरू कर दिया. लेते पहले से थे,जिसका ब्याज का पड़ा है, उधार का पड़ा है, उसको उठा लाओ. दसों लोगों को उठाकर बैठा दिया कुछ तो मिले. कुछ लोगों का पूरा अपना हजम कर गए. कोई कहे हमें जमीन दिया पैसा नहीं दे रहा है, कितना पड़ेगा 80 लाख पूरा अपना रख लिया.
पूर्व डीजीपी- करता क्या था इतना पैसे का?
शहीद सीओ- साले को जमीन दिलाता था, साला जमीन जायदाद की खरीदारी करता था.साला साथ में रहता था. भाई को दूर रखता था, अपना नोएडा में रहो. नोएडा में भी मकान है.
पूर्व डीजीपी- इतनी संपत्ति का करेंगे क्या, उसी में डूब जाएंगे.
हालांकि हम इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करते लेकिन शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र और पूर्व डीजीपी एके जैन के बीच की ये बातचीत साफ करती है कि तत्कालीन एसएसपी और शहीद सीओ में छत्तीस का आंकड़ा था.
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