बिकरू कांड: STF को मिली बड़ी सफलता, विकास दुबे को भगाने और हथियार मुहैया कराने वाले 7 आरोपी अरेस्ट
विकास दुबे को हथियार उपलब्ध कराने वाले 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
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लखनऊ: कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में एसटीएफ के हाथ बड़ी सफलता लगी है, जिसमें कई अनसुलझी चीजें निकलकर सामने आई हैं. विकास दुबे को हथियार उपलब्ध कराने वाले 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
यूपी एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि इनके पास से एक सेमी ऑटोमेटिक अमेरिकन रायफल, 9 mm कार्बाइन समेत कई हथियार और भारी कारतूस बरामद किए हैं. जानकारी के मुताबिक इन हथियारों का इस्तेमाल पुलिस वालों पर हमले में किया गया था. पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनके नाम विष्णु कश्यप, अमन शुक्ला, रामजी उर्फ राधे, अभिनव तिवारी, मनीष यादव, संजय परिहार, शुभम पाल हैं.
बरामद हुआ विकास दुबे का मोबाइल
पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से एक सेमी ऑटोमैटिक राइफल, 9 एमएम कार्बाइन समेत कई हथियार और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए हैं. इसके अलावा इनके पास से इसके साथ ही एसटीएफ ने विकास दुबे, अमर और प्रभात मिश्रा के मोबाइल भी बरामद किए हैं. साथ ही एसटीएफ ने वह कार भी बरामद कर ली है जिससे विकास दुबे घटना को अंजाम देने के बाद फरार हुआ था. यूपी एसटीएफ एडीजी ने बताया कि वारदात को अंजाम के बाद विकास, अमर और प्रभात 2 दिन तक कानपुर देहात में छिपे रहे थे.
कानपुर देहात से औरेया पहुंचकर ये लोग फरीदाबाद गये थे. इसमें इनकी मदद पकड़े गए आरोपी शुभम पाल ने की, जिसने अपनी कार से 5 तारीख को विकास,अमर और प्रभात को औरैया तक छोड़ा. वहां से ये फरीदाबाद चले गये थे.
2 जुलाई 2020 को हुआ था बिकरू कांड
आपको बता दें कि पिछले साल 2 जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे और उसके साथियों ने आठ पुलिसवालों की हत्या कर दी थी. जिसके बाद वो एक हफ्ते तक फरार रहा. पुलिस ने उसे मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले से पकड़ा था. वहां से कानपुर लाते वक्त एनकाउंटर में मारा गिराया था. विकास दुबे पर करीब 60 से अधिक मामले थे, लेकिन फिर भी वो पैरोल पर बाहर था.
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