फर्त्याल ने बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव की सूचना लगाकर सरकार की को कटघरे में खड़ा कर दिया था. विधायक के इस रवैये को पार्टी अनुशासनहीनता के तौर पर देख रही है.
Trending Photos
देहरादून: सदन में सत्र के दौरान अपनी ही पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले भाजपा विधायक पूरन फर्त्याल की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं. दरअसल विधायक के दिए सदन में बयान को लेकर भाजपा ने उन्हे कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस का जवाब विधायक को 7 दिन के अंदर देना है. इस मामले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत भी नाराज नजर आ रहे हैं. उन्होंने भाजपा विधायक के दोषी पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही है.
क्या है पूरा मामला
बीजेपी विधायक फर्त्याल ने विधानसभा सत्र के दौरान टनकपुर-जौलजीवी सड़क के टेंडर में भ्रष्टाचार का आरोप अपनी ही सरकार पर लगाकर कठघरे में खड़ा कर दिया था. दरअसल फर्त्याल ने बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव की सूचना लगाकर सरकार की को कटघरे में खड़ा कर दिया था. विधायक के इस रवैये को पार्टी अनुशासनहीनता के तौर पर देख रही है.
यह भी पढ़ें - अनुपम श्याम ओझा ने CM योगी को भावुक पत्र लिख मदद के लिए कहा शुक्रिया, जताई मिलने की इच्छा
पहले भी रख चुके हैं पार्टी से अलग राय
भाजपा विधायक फर्त्याल विधानसभा सत्र के पहले भी इस मामले में सरकार और शासन के अफसरों की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे. जिसको संज्ञान में लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. फर्त्याल ने पार्टी अध्यक्ष को अपना पक्ष रखने के लिए लंबा इंतजार कराया. उन्हें सचेत किया गया कि आगे से वे ऐसा कोई भी बयान या आचरण न करें, जिससे सरकार और संगठन की छवि प्रभावित हो. तब लगा था कि फर्त्याल नरम पड़ गए हैं. लेकिन दोबार पार्टी पर आरोप लगाने से लगता है कि उनके रुख में कोई नरमी नहीं आई है.
WATCH LIVE TV