'गंगा यात्रा' पर अखिलेश यादव का कटाक्ष, कहा- 'भटकाव की राजनीति करने में माहिर BJP'
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'गंगा यात्रा' पर अखिलेश यादव का कटाक्ष, कहा- 'भटकाव की राजनीति करने में माहिर BJP'

BJP सरकार पर हमला बोलते अखिलेश ने कहा, 'मंहगाई, बेरोजगारी और बिगड़ी कानून व्यवस्था का दूसरा नाम उत्तर प्रदेश बनता जा रहा है. लेकिन, सरकार और मुख्यमंत्री को इन सबकी परवाह नहीं, वे खेल तमाशों में और भव्य आयोजनों में व्यस्त हैं.'

 

फाइल फोटो

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उत्तर प्रदेश में चल रही 'गंगा यात्रा' को लेकर BJP सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भाजपा को भटकाव की राजनीति में महारत हासिल है. जबकि, प्रदेश में जनता परेशानियों से जूझ रही है. 

बीजेपी सरकार पर हमला बोलते उन्होंने कहा, 'मंहगाई, बेरोजगारी और बिगड़ी कानून व्यवस्था का दूसरा नाम उत्तर प्रदेश बनता जा रहा है. लेकिन, सरकार और मुख्यमंत्री को इन सबकी परवाह नहीं, वे खेल तमाशों में और भव्य आयोजनों में व्यस्त हैं.'

'बीजेपी इवेंट मैनेजमेंट कमेटी'
बीजेपी के कार्यकाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार के तीन साल तरह-तरह के लोकार्पण, महोत्सवों के आयोजनों में ही बीत गए. सपा सरकार के कामों को ही अपना बताते रहे हैं. उनकी सरकार ‘इवेंट मैनेजमेंट कमेटी' बन गई है. जिसने अब 'गंगा यात्रा' का नया 'इवेंट' इजाद कर लिया है.

गंगा सफाई पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा, नमामि गंगे के नाम पर गंगा सफाई के लिए खजाना खोल दिया लेकिन गंगा मैली की मैली ही बनी हुई है. सफाई की सुनियोजित व्यवस्था नहीं बनी, गंदे नालों का नदियों में गिरना बंद नहीं हुआ.

गंगा यात्रा पर सवाल खड़े करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि गंगा मैया के नाम पर धोखे का यह धंधा 1985 से चला था, जो वर्ष 2000 में बंद हुआ. 15 साल में 900 करोड़ खर्च हुए. लेकिन, वर्ष 2014 में भाजपा फिर गंगा सफाई में जुट गई. नए ‘इवेंट‘ के लिए यही कहा जा सकता है कि डबल इंजन सरकारें भी बहकाने में लग गई हैं. भाजपा की गंगा यात्रा से गंगा किनारे और नदी से आजीविका कमाने वालों को कोई लाभ होने वाला नहीं है. गंगा यात्रा को दिखावा बताते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि गंगा मैया के प्रति आस्था का झूठा प्रदर्शन कर बजट को खुर्द बुर्द करना ही इसका असल मकसद है.

बिजनौर से गंगा यात्रा की शुरूआत पर उठाए सवाल

अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री ने बिजनौर से गंगा यात्रा की शुरूआत कर स्थानीय लोगों के जले पर नमक छिड़कने और अपनी सरकार का घमंड दिखाने का काम किया है. बिजनौर में देवलगढ़ के राजा रामपुर गांव में दो लोग गंगा में डूबकर मर गए. स्थानीय लोग डेढ़ माह तक गंगा में खड़े होकर मुआवजा और गंगा पर पुल की मांग करते रहे. लेकिन कुछ नहीं हुआ. वहीं, फतेहपुर ग्राम के मोहम्मदपुर देवल ब्लॉक में पूरा गांव बाढ़ में कट गया. लोग झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे हैं, इनको न आवास मिला न मुआवजा. साफ है कि भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री सिर्फ सत्ता पर काबिज रहने की ही जुगत में हैं. जनता को भ्रमित करने की इन साजिशों को अब लोग पहचानने लगे हैं.

अखिलेश ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि समाजवादी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों कश्यप, निषाद, बिंद, मल्लाह, केवट, कहार, गोंड, मांझी, राजभर, प्रजापति आदि को अनुसूचित जाति में रखने का काम किया था. लेकिन भाजपा सरकार ने ठीक से हाईकोर्ट में पैरवी न करके इनका आरक्षण रूकवा दिया. यह भाजपाइयों की गरीब केवट समाज के साथ हमदर्दी का दिखावा भर है.

अखिलेश यादव ने मांग की है कि सरकार नदी कटान में उजड़ गए गांवों के लोगों को मुआवजा दे. गांव के किनारे तटबंध बनाएं. दबंगों ने कश्यप समाज की गंगा किनारे जमीने कब्जा ली हैं उन्हें खाली कराएं. भाजपा ने गंगा किनारे रेत पर ककड़ी, खीरा, तरबूज आदि उगाने वालों के लिए कुछ नहीं किया. नाव चलाकर आजीविका कमाने वालों के लिए भी भाजपा के पास कोई योजना नहीं है. वाराणसी के घाटों पर सरकारी क्रूज चलाकर नाविकों को बेरोजगार कर दिया गया है. नदी किनारे गोताखोरों का सिर्फ शोषण ही होता आया है.

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