लखनऊ: मायावती के हालिया बयान के बाद उत्तर प्रदेश में गठबंधन को लेकर तस्वीर और धुंधली हो गई है. सम्मानजनक सीट वाले बयान पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रबारी राजीव बख्शी ने कहा कि बसपा को याद रखना चाहिए कि कांग्रेस न सिर्फ एक राष्ट्रीय पार्टी है, बल्कि सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन भी है. बसपा को ये भी याद रखना चाहिए कि वर्तमान में लोकसभा में उसका कोई सांसद नहीं है, जबकि कांग्रेस के 44 सांसद हैं. इसलिए, बात जब सीटों को लेकर हो तो बसपा को इन महत्वपूर्ण पहलुओं पर गौर करना चाहिए.


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दरअसल, रविवार को बसपा प्रमुख मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि हमारी पार्टी गठबंधन के खिलाफ नहीं है, लेकिन मैं साफ कर देना चाहती हूं कि जब तक हमें सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती है, तब तक गठबंधन में शामिल नहीं होंगे. साथ में उन्होंने यह भी कहा था कि अगर सबकुछ ठीक नहीं रहा तो हम अकेले चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं.


मायावती की 'सम्मानजनक सीटों' वाली शर्त पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान


बता दें, 2019 लोकसभा चुनाव से पहले अगले कुछ महीनों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इन राज्यों में कांग्रेस बसपा के साथ मिलकर बीजेपी को हराने की तैयारी में है. वर्तमान में तीनों राज्यों में बीजेपी का शासन है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बसपा के वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव में उन्हें ज्यादा सीटों पर दावेदारी मिले. इस बात के संकेत बसपा नेताओं के बयान से भी झलक रहे हैं.


कांग्रेस अकेले 80 में 25 सीट जीतने की कूवत रखती है- राजीव बख्शी. (फाइल फोटो)

इन परिस्थियों और हालिया बयानों को ध्यान में रखते हुए राजीव बख्शी ने कहा कि कांग्रेस अकेले उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 25 सीटें जीतने की कूवत रखती है. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम अकेले चुनाव लड़ते हैं तो इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल मजबूत होगा. पार्टी के आला कमान भी इस विषय पर गंभीरत से सोच रहे हैं.