लॉकडाउन से दुनिया में मंदी फिर भी मालामाल हुआ बुंदेलखंड का यह किसान
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लॉकडाउन से दुनिया में मंदी फिर भी मालामाल हुआ बुंदेलखंड का यह किसान

बंजर हो चुकी बुंदेलखंड की सूखी धरती पर एक किसान ने खरा सोना उगाया है. किसान की महज दो बीघा ज़मीन में 60-70 हज़ार की लागत से 35 लाख की फसल लहलहाई है.

केसर की अच्छी पैदावार से खिले किसानों के चेहरे

सुमित अवस्थी/जालौन: बंजर हो चुकी बुंदेलखंड की सूखी धरती पर एक किसान ने खरा सोना उगाया है. किसान की महज दो बीघा ज़मीन में 60-70 हज़ार की लागत से 35 लाख की फसल लहलहाई है. किसान परिवार के इस कमाल से कृषि विशेषज्ञ भी हैरान हैं क्योंकि बुंदेलखंड में पहली बार केसर की ऐसी पैदावार हुई है.

सूखी धरती ने ऐसे उगला सोना
बुंदेलखंड की धरती सूखे की मार पिछले कई साल से झेल रही है. जालौन समेत कई ज़िलों में मौसम किसानों का साथ नहीं देता, जिसके चलते उन्हें कर्ज़ के बोझ तले अपनी जान गंवानी पड़ती है. अब इस इलाके के किसानों के लिए केसर की नकदी फसल नई उम्मीद लेकर आई है. केसर के बीज ज़रा महंगे हैं, इसलिए फसल उगाने की लागत ज़्यादा होती है. शुरुआती निवेश के बाद जब फसल तैयार होती है तो इसका मुनाफ़ा लागत से करीब 30-35 गुना ज़्यादा होता है.

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सुंदर सिंह और रामबली का कमाल
जालौन के किसान सुंदर सिंह और रामबली ने बुंदेलखंड में कृषि को एक अलग राह दिखा दी है. इन्होंने राजस्थान के एक किसान से प्रभावित होकर जालौन में केसर उगाने का फैसला किया. केसर के बीज करीब 40 हज़ार रुपये/किलो के हिसाब से आते हैं. ऐसे में दो बीघा ज़मीन में डेढ़ किलो यानि 60 हज़ार के बीज की खपत हुई और डेढ़ क्विंटल की फसल पैदा हुई. 

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किसानों ने फसल उगाने में गोबर की खाद का इस्तेमाल किया, यानि फसल पूरी तरह ऑर्गैनिक है. बिक्री से पहले केसर की गुणवत्ता को दिल्ली की स्टैंडर्ड एनालिटिकल लैब में जांचा जाना बाकी है, लेकिन जानकार बताते हैं कि फसल की कीमत 35 लाख से कम नहीं  है. कीमती फसल से किसान परिवार अपना कर्ज़ चुकाने के बाद भी अच्छा मुनाफ़ा पाने वाला है.

बुंदेलखंड में केसर देखकर विशेषज्ञ हैरान
जानकारों का कहना है कि केसर की खेती आमतौर पर कश्मीर में देखी जाती है. बुंदेलखंड की ज़मीन पर केसर पैदा किया जा सकता है, इसकी उम्मीद भी किसी को नहीं थी. विशेषज्ञों का कहना है कि अब इस पर और काम किए जाने की ज़रूरत है ताकि इलाके के बाकी किसान भी इससे मुनाफ़ा कमा सकें.

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किसानों की नई राह पर सरकार दे साथ
भारत किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन का कहना है कि बुंदेलखंड के किसानों की हालत सुधारने का ये अच्छा मौका है और सरकार को अब दूसरे किसानों को भी बीज और बाज़ार उपलब्ध कराने पर विचार करना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो बुंदेलखंड की जो धरती किसानों की बेबसी की वजह से जानी जाती है, वो उनकी समृद्धि के लिए पहचानी जाएगी.

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