प्रयागराज पहुंचे रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, बोले- हमारे लिए यात्रियों की सुरक्षा सबसे जरूरी है
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प्रयागराज पहुंचे रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, बोले- हमारे लिए यात्रियों की सुरक्षा सबसे जरूरी है

 उन्होंने पिछले 7 महीनों का हवाला देते हुए कहा की पहले के मुकाबले दुघर्टनाएं कम हुई हैं साथ की इंफ्रास्ट्रकचर पर भी चर्चा की साथ भविष्य में यात्रियों की मांग के मुताबिक ट्रेन चलाने और गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने का आश्वासन भी दिया. 

 रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव

प्रयागराजः  रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव प्रयागराज पहुंचे, जहां उन्होने एनसीआर के अधिकारियों के साथ रेलवे द्वारा चल रही अलग अलग चल रही परियोजनाओं के कार्यों पर समीक्षा बैठक की. बैठक में रेलवे की सुरक्षा पर व्यवस्था पर मंथन भी किया गया. बैठक के बाद चेयरमैन ने कहा की भारतीय रेलवे के लिए सबसे ज्यादा जरूरी सुरक्षा है और सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे ने जो काम किया है उसके फायदे अब दिखाई देने लगे हैं. उन्होंने पिछले 7 महीनों का हवाला देते हुए कहा की पहले के मुकाबले दुघर्टनाएं कम हुई हैं साथ की इंफ्रास्ट्रकचर पर भी चर्चा की साथ भविष्य में यात्रियों की मांग के मुताबिक ट्रेन चलाने और गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने का आश्वासन भी दिया. 

उन्होंने आगे कहा कि, रेलवे लाइनों पर बने जगह-जगह क्रॉसिंग भी धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है. इसमें ज्यादातर छोटे क्रॉसिंग को पहले ही समाप्त किया जा चुका है, जबकि कुछ बड़े क्रॉसिंग अभी बचे हुए हैं जिन को समाप्त करने का काम चल रहा है. इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे फ्रेट कॉरीडोर को कई टुकड़ों में व्यवस्थित कर रहा है. इसमें से 200 किलोमीटर का कार्य पूरा किया जा चुका है, जबकि 31 दिसंबर तक दिल्ली से मुंबई और दिल्ली से कोलकाता का काम पूरा कर लिया जाएगा.'

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उन्होंने कहा कि, एडजेस्टिंग नेटवर्क को अपडेट करके 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पैसेंजर ट्रेनों को चलाया जाएगा. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि आने वाले दिनों में भारतीय रेलवे यात्रियों के डिमांड के अनुसार ट्रेनें चलाएगी. इसके लिए सिग्नल सिस्टम का भी आधुनिकीकरण किया जा रहा है. यह पूछे जाने पर कि इलाहाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर प्रयागराज कब किया जाएगा पर चेयरमैन ने कहा कि यह एक लंबी प्रक्रिया है और वह प्रक्रिया शुरू हो गई है. गृह मंत्रालय से आदेश मिलने के बाद स्टेशन का नाम बदल दिया जाएगा.

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आगे चेयरमैन ने यह भी बताया कि भारतीय रेलवे में कोई निजीकरण नहीं होने जा रहा है और ना ही निजीकरण का कोई प्लान है. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करने के लिए और लगभग 150 ट्रेनें एक्स्ट्रा चलाने के लिए भारतीय रेलवे अभी से प्रयासरत है. इसी लिए रेलवे की यह कोशिश है कि प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर लाया जाए. पहले से चली आ रही ट्रेनों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. उसे भारतीय रेल ही चलाती रहेगी. अगर भारतीय रेलवे को यात्रियों के लिए कोई अलग से ट्रेन चलानी होगी तो उसके लिए रेलवे प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर का सहारा लेगा.

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