पहाड़ से अचानक गिरा पत्थर, सैलाब बहा ले गया गाड़ी, लेकिन बच गई जान, जानिए पूरा खबर
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पहाड़ से अचानक गिरा पत्थर, सैलाब बहा ले गया गाड़ी, लेकिन बच गई जान, जानिए पूरा खबर

उत्तरकाशी के आराकोट में आई भीषण आपदा के दौरान घायल हुए राजेन्द्र और उनके चाचा जालम सिंह जब भी उस लम्हे को याद करते हैं तो खौफजदा हो जाते हैं.

जेन्द्र और जालम दोनों सेब की सप्लाई लेने के लिए जा रहे थे. टिकोची के टैक्सी स्टेंड में उन्होंने गाड़ी का नम्बर लिखवाया और फिर अपने नम्बर का इंतजार कर रहे थे.

देहरादून: कहते हैं कि जाको राखे सांईया, मार सके न कोई. उत्तराखंड के चकराता क्षेत्र के रहने वाले राजेन्द्र चौहान औऱ उनके चाचा जालम सिंह के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, जिसके बाद वे ईश्वर का शुक्रिया अदा करते थकते नहीं. दरअसल, उत्तरकाशी के आराकोट में आई आपदा के में ये दोनों लोग फंस गए थे. इस दौरान मौत का सामना कर चुके राजेन्द्र और उसके चाचा जब भी आंखों-देखी बयान करते हैं तो सिहर उठते हैं. 

उत्तरकाशी के आराकोट में आई भीषण आपदा के दौरान घायल हुए राजेन्द्र और उनके चाचा जालम सिंह जब भी उस लम्हे को याद करते हैं तो खौफजदा हो जाते हैं. रविवार की सुबह उनके लिए कुछ इस तरह से आई कि वो इसे जिन्दगी भर नहीं भुला पाएंगे. दून अस्पताल के बिस्तर पर लेटे राजेन्द्र और जालम भगवान का शुक्र कर रहे हैं कि उनकी जिन्दगी बच गई. 

दरअसल, राजेन्द्र और जालम दोनों सेब की सप्लाई लेने के लिए जा रहे थे. टिकोची के टैक्सी स्टेंड में उन्होंने गाड़ी का नम्बर लिखवाया और फिर अपने नम्बर का इंतजार कर रहे थे. राजेन्द्र के मुताबिक सुबह ठीक 5:30 बजे उनकी गाड़ी पर एक बड़ा पत्थर आ लगा. देखा तो पता चला कि आसमान से आफत टूट पडी है. राजेन्द्र ने देखा कि उनके चाचा के पेट में स्प्रिंग फंसा है और वो निकल नहीं पा रहे हैं. जैसे-तैसे जैक की मदद से उन्होंने अपने चाचा को बाहर खींचा और चाचा की जान बचाई. चाचा को गाड़ी से बचाने के ठीक दो मिनट बाद ही उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त होकर सैलाब में बह गई. 

अपने घायल चाचा को लेकर जैसे-तैसे रात 8 बजे दोनों आराकोट पहुंचे. जहां से उन्हें रेस्क्यू कर देहरादून लाया गया और दून अस्पताल में भर्ती करवाया गया. फिलहाल दोनों सुरक्षित हैं और उनका उपचार किया जा रहा है. लेकिन जैसे ही प्रकृति की इस तांडवलीला का वो जिक्र करते हैं सिहर उठते हैं. राजेन्द्र बताते हैं कि उनके सामने ही करीब 7 से आठ गाड़ियां सैलाब में समा गई, जिनके चालकों का भी पता नहीं है. बताया जा रहा है कि आराकोट क्षेत्र में जानमाल का नुकसान हुआ है. कई घर सैलाब में समा गए हैं और बहुत से लोग अभी लापता हैं, जिनकी खोज की जा रही है. चार घायलों को दून अस्पताल लाया गया है, जहां पर उनका उपचार किया जा रहा है. 

प्रकृति ने उत्तरकाशी के आराकोट क्षेत्र में अपना तांडव दिखाया है, जहां पर जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. क्षेत्र के चिंवा, किराणों, धुचाणो, माकुड़ी गांव आपदा से बुरी तरह प्रभावित हैं. जहां पर फिलहाल राहत और बचाव दल की टुकड़ियां पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं. हालांकि हालात को सामान्य होने में फिलहाल अभी काफी वक्त लगेगा. 

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