चौबेपुर एसओ विनय तिवारी पर मुखबिरी का शक है. सूत्रों के मुताबिक एसओ चौबेपुर विनय तिवारी दबिश में सबसे पीछे चल रहा थे. सीओ और एसओ में पटरी नहीं थी. इसके चलते सीओ देवेंद्र मिश्रा की हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे से मुखबिरी का शक है.
Trending Photos
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए शूटआउट में एक दिलचस्प मोड़ सामने आया है. गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर फायर झोंक दिया था. इसमें एक सीओ और इंस्टपेक्टर समेत कुल 8 पुलिसकर्मियों की गोली लगने से मौत हो गई थी और 7 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. पुलिस की यह टीम हिस्ट्रीशीटर विकासदुबे को गिरफ्तार करने पहुंची थी.
पुलिस टीम पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गुर्गों की ओर से हुए हमले में चौबेपुर थानेदार की भूमिका संदिग्ध है. यूपी एसटीएफ ने चौबेपुर एसओ विनय तिवारी को इस मामले में ग्रिल करना शुरू किया है. सूत्रों की मानें तो हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर एफआईआर दर्ज करने के मामले में एसओ विनय तिवारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है.
कानपुर कांड: विकास दुबे पर 50 हजार का इनाम घोषित, पुलिस को इस नंबर पर दे सकते हैं जानकारी
चौबेपुर थानेदार विनय तिवारी विकास दुबे के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत एफआईआर लिखने में आनाकानी बरत रहे थे. पीड़ित राहुल तिवारी ने सीओ देवेंद्र मिश्रा से इसकी शिकायत की थी, इसके बाद विकास दुबे पर मुकदमा दर्ज हुआ था. आपको बता दें कि इस शूटआउट में सीओ देवेंद्र मिश्रा शहीद हो गए.
चौबेपुर थानेदार विनय तिवारी पर विकास दुबे के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बारे में मुखबिरी का शक है. सूत्रों के मुताबिक जब पुलिस टीम विकास दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची थी तो थानेदार विनय तिवारी दबिश में सबसे पीछे चल रहा थे. सीओ देवेंद्र मिश्रा और थानेदार विनय तिवारी में पटरी नहीं थी. इसके चलते थानेदार पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे से सीओ देवेंद्र मिश्रा की मुखबिरी का शक है. शक के दायरे में आए चौबेपुर थानेदार विनय तिवारी से एसटीएफ पूछताछ कर रही है.
WATCH LIVE TV