साइंस, सामाजिक विज्ञान और गणित विषय को क्लास में पढ़ाते समय एक्टिविटीज के जरिए छात्रों (Students) को समझाया जाएगा. इसे क्लास 6 से ही शामिल किया जाएगा. सभी विषयों पर प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे.
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विशाल सिंह/लखनऊ: आईसीएसई (ICSE) और सीबीएसई (CBSE) की तर्ज पर यूपी बोर्ड (UP Board) में अब कक्षा छह से प्रोजेक्ट जरूरी होगा. इसके अंक आतंरिक मूल्यांकन (Evaluation) में जोड़े जाएंगे. पाठ्यक्रम का एक अंश प्रोजेक्ट के जरिए पूरा किया जाएगा. कक्षा छह से कोडिंग (Coding) सिखाई जाएगी. नई शिक्षा नीति में माध्यमिक शिक्षा विभाग (Secondary education department) की कार्ययोजना में इसे शामिल किया गया.
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साइंस और गणित को बनाया जाएगा रोचक
कक्षा छह से कक्षा 10 तक साइंस और गणित (Science And Math) को रोचक बनाया जाएगा. इसके लिए सीबीएसई के मॉड्यूल की मदद ली जाएगी. इसे नए सेशन से पुराने 550 राजकीय स्कूलों में लागू किया जाएगा. इस कार्ययोजना में अगले शैक्षिक सत्र से हैण्ड्सऑन Activity यानी की सामने करने दिखाने की विधा को लागू करने पर बल दिया गया है. कक्षा नौ से साइंस सब्जेक्ट के लिए हफ्ते में दो पीरिएड रखने का प्लान है. साइंस, सामाजिक विज्ञान और गणित विषय को क्लास में पढ़ाते समय एक्टिविटीज के जरिए छात्रों (Students) को समझाया जाएगा. इसे क्लास 6 से ही शामिल किया जाएगा. सभी विषयों पर प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे. अगले शैक्षिक सत्र तक हर स्कूल की अपनी वेबसाइट होगी.
सरकारी स्कूलों में क्लास छह से कोडिंग की क्लासेज
नए शैक्षिक सेशन में सरकारी स्कूलों में क्लास छह से कोडिंग की क्लासेज लगाई जाएंगी. इसे आगे मिडिल क्लासेज तक विस्तार दिया जाएगा. 2022-23 तक सभी सरकारी स्कूलों में डिजिटल लिट्रेसी का सिलेबस में एकीकरण करते हुए सभी सरकारी स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम, वर्चुअल लैब और कंप्यूटर शिक्षक की व्यवस्था की जाएगी.
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