लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसान आंदोलन को लेकर विपक्षी पार्टियों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों का वर्तमान रवैया उनके दोहरे चरित्र को प्रदर्शित करने वाला है. कांग्रेस नेतृत्व की यूपीए सरकार ने एनसीपी, लेफ्ट, डीएमके, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और टीएमसी जैसे राजनीतिक दल यादव सरकार में शामिल थे या तो उन्हें समर्थन दे रहे थे. उस समय यूपीए सरकार ने 2010, 2011 के समय विभिन्न राज्यों को पत्र भेजे थे. उस समय के कृषि मंत्री शरद पवार ने मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजे थे. उस पर चर्चा कोई नहीं कर रहा है. 


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सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस जिस कानून का विरोध कर रही है, वही कानून यूपीए सरकार लेकर आई थी और आज इसका विरोध खुद कर रही है. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का दोहरा चरित्र है. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले छह वर्षों में किसानों की भलाई के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं. 


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पीएम मोदी ने किसानों के हित में लिए फैसले
सीएम योगी ने कहा कि फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजन, तकनीक के साथ जोड़ने की योजना है. मंडियों को वन नेशन वन मार्केट से जोड़ने, कहीं भी बेचने और मंडी शुक्ल शून्य करने, किसान सम्मान निधि जैसे सभी ऐतिहासिक फ़ैसले मोदी सरकरा ने लिए हैं.


विपक्षी पार्टियों से मांगनी चाहिए माफी
इन सभी पार्टियों को आज माफी मांगना चाहिए. क्योंकि ये मूल्यों और आदर्शों की राजनीति नहीं कर रहे हैं. ये बिना पेंदे के लोटे की तरह व्यवहार कर रहे हैं. इन पार्टियों के दोहरे चरित्र को देश बर्दाश्त नहीं करेगा. ख़ास तौर पर कांग्रेस को ये बिल्कुल शोभा नहीं देता. ये सीधे-साधे किसानों के स्वस्थ के साथ खिलवाड़ हो रहा है.


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मुलायम सिंह ने किया समर्थन बेटे कर रहे विरोध
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सांसद के स्थायी समिति में ये सभी समर्थन में थे. यूपी की समाजवादी पार्टी के आचरण पर आश्चर्य होता है. यूपीए के दौरान मुलायम सिंह ने पुरज़ोर समर्थन किया था. फिर ये राजनीतिक दल आज विरोध क्यों कर रहे हैं. भारत सरकार ने बातचीत के सभी रास्ते खोले हैं. इसलिए कोई ज़रूरत नहीं है कि किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर दूसरे राजनीतिक दल अपना हित साधें. 


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