क्या हुआ गड्ढा मुक्त सड़कों का वादा, पिछले 8 महीने में केवल लखनऊ में 381 मौतें
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क्या हुआ गड्ढा मुक्त सड़कों का वादा, पिछले 8 महीने में केवल लखनऊ में 381 मौतें

कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने कहा कि गड्ढामुक्त सड़कों का वादा किया गया था. लखनऊ में ही आठ महीने में सड़क हादसे हुए हैं और इनमें 381 मौतें हो चुकी हैं.

यूपी विधानसभा. (फाइल फोटो)

लखनऊ: लखनऊ की सड़कों पर गड्ढों और उससे होने वाले हादसों का मुद्दा विधान परिषद में आज जोर-शोर से उठा. कांग्रेस ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत यह मुद्दा उठाया. कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने कहा कि गड्ढामुक्त सड़कों का वादा किया गया था. लखनऊ में ही आठ महीने में सड़क हादसे हुए हैं और इनमें 381 मौतें हो चुकी हैं. इस पर नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने चुनौती देते हुए कहा कि लखनऊ में इतने हादसों की सूची उपलब्ध करा दी जाए तो हम सभी को मुआवजा भी देंगे.

दीपक सिंह ने कहा कि लखनऊ में इन आठ महीनों में ही 381 की मौतें हो चुकी हैं और 432 लोग घायल हो चुके हैं. पांच साल में यह सड़क हादसों में हुई मौतों का रिकॉर्ड है. पहली बार लोग इस मामले को लेकर उपभोक्ता फोरम जा रहे हैं. हादसों का कारण गड्ढों के अलावा आवारा पशु भी हैं. सरकार सदन के बाहर तो जुमलेबाजी करती ही है. सदन में जुमले ठीक नहीं हैं. सरकार तो हेलीकॉप्टर से चलती है. हम लोगों को सड़क के गड्ढों से जूझना पड़ता है.

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इस पर नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि आप कह रहे हैं कि 1001 हादसे हुए हैं और मौतें 381 हुई हैं. आप मुझे सभी मृतकों की सूची उपलबध करवा दीजिए, सरकार सभी को मुआवजा भी देगी. उन्होंने कहा कि ज्यादा बारिश से सड़कें उखड़ गई हैं. उनकी भी मरम्मत कराई जाएगी. सभी गड्ढे भरे जाएंगे. गड्ढा मुक्ति के लिए 180 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.

बाद में कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद से वॉक आउट किया. सपा ने कार्य स्थगन के तहत यह मुद्दा उठाया कि सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमों में फंसाकर उत्पीड़न किया जा रहा है. नेता सदन अहमद हसन ने कई मुद्दे गिनाते हुए बताया कि सरकार ने आपातकाल से सबक नहीं लिया. लगातार विरोधियों का उत्पीड़न कर रही है. खासतौर से सपा नेता इनके निशाने पर हैं.

इस पर दिनेश शर्मा ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है. जो अपराधी है, उस पर पुलिस कार्रवाई कर रही है. छात्र आंदोलन के जो मामले गिनाए हैं, उनमें छात्रसभा के साथ एबीवीपी कार्यकर्ता पर भी पुलिस ने समान कार्रवाई की. उन्होंने सभी मामलों में घटना का ब्योरा दिया और कार्रवाई की जानकारी दी. सपा सदस्य सरकार के जवाब से सहमत नहीं हुए और वॉक आउट करके चले गए.

(इनपुट-भाषा)

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