मुजफ्फरनगर दंगा: कवाल हत्याकांड में 7 दोषियों को उम्रकैद, 65 से अधिक की गई थी जान
कोर्ट ने यह सजा कवाल कांड में मृतक गौरव और सचिन के हत्यारोपियों को सुनाई है. मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगा इन्हीं दोनों की हत्या के बाद उपजा था.
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नई दिल्ली : मुजफ्फरनगर दंगा मामले के कवाल हत्याकांड में शुक्रवार को जिला कोर्ट ने दोषियों को सजा का ऐलान कर दिया गया है. अपर जिला सत्र न्यायाधीश हिमांशु भटनागर ने 7 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही सभी आरोपियों पर लगा 2-2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
कोर्ट ने यह सजा कवाल कांड में मृतक गौरव और सचिन के हत्यारोपियों को सुनाई है. मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगा इन्हीं दोनों की हत्या के बाद उपजा था. साथ ही इसमें 65 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. कोर्ट के इस फैसले को लेकर जिला प्रशासन भी पहले से ही तैयार था. प्रशासन ने धारा 144 लगाने के साथ ही कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी थी.
स्थानीय अदालत ने 2013 मुजफ्फरनगर दंगों की शुरुआत से पहले हुई दो युवकों की हत्या मामले में सात लोगों को दोषी करार दिया था. इनमें से एक आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुआ था. कहा जाता है कि 2013 में इन्हीं दोनों युवकों की हत्या के बाद मुजफ्फरनगर दंगे भड़के थे.
अदालत ने बुधवार को सात लोगों को गौरव और सचिन की हत्या का दोषी करार दिया. जिले के सरकारी वकील राजीव शर्मा ने बुधवार (06 फरवरी) को बताया कि अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश ने 27 अगस्त, 2013 को युवकों की हत्या और दंगों के मामले में मुजम्मिल, मुजस्सिम, फुरकान, नदीम, जनांगिर, अफजल और इकबाल को दोषी करार दिया. सरकारी वकील अंजुम खान के मुताबिक, बुलंदशहर जेल में बंद मुजम्मिल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुआ था.
ये था मामला
दरअसल, करीब साढ़े पांच साल पहले 27 अगस्त 2013 को जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में यह दोहरा हत्याकांड हुआ था, जिसके बाद मुजफ्फरनगर के शामली में दंगा भड़क उठा था. इसमें 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों परिवार बेघर हुए थे. मामले में सरकारी वकील आशीष कुमार त्यागी ने बताया कि साल 2013 में सचिन और गौरव नाम के दो युवकों और आरोपियों में मोटरसाइकिल की टक्कर के बाद विवाद हो गया था.
इसमें दोनों युवकों की हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा आरोपी पक्ष के शाहनवाज की भी इस दौरान मौत हो गई थी. इसके बाद से मुजफ्फरनगर और शामली में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था. मृतक गौरव के पिता ने जानसठ कोतवाली में कवाल के मुजस्सिम, मुजम्मिल, फुरकान, नदीम, जहांगीर, अफजाल और इकबाल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. वहीं, मृतक शाहनवाज के पिता ने भी सचिन और गौरव के अलावा उनके परिवार के 5 सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. हालांकि, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन सेल ने जांच के बाद शाहनवाज हत्याकांड में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी थी.
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