उन्होंने एससीएसटी, अल्पसंख्यकों के प्रति होने वाले अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए, साथ ही कहा कि मॉब लिचिंग की घटनाएं नहीं होनी चाहिए. जेलों को अपराधियों की शरण स्थली और अपराध संचालन का अड्डा नहीं बनना चाहिए.
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लखनऊ: कानून-व्यवस्था की समीक्षा के दौरान गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर काफी तल्ख थे. हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आंकड़े अपराध नियंत्रण का पैमाना नहीं, असली मानक जनता का भरोसा है. हम सबको इसी पर खरा उतरना होगा. उन्होंने कहा कि डीएम और एसएसपी की मीटिंग के बाद भी अपराधों में कमी नहीं आ रही है. फुट पेट्रोलिंग में कोई वरिष्ठ अधिकारी नजर नहीं आ रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता का भरोसा कायम करने के लिए अपराधियों पर कार्रवाई करें, बाईकर्स गैंग, महिलाओं और नाबालिग बालिकाओं के साथ अपराध करने वालों के साथ सख्ती से निपटें. उन्होंने एससीएसटी, अल्पसंख्यकों के प्रति होने वाले अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए, साथ ही कहा कि मॉब लिचिंग की घटनाएं नहीं होनी चाहिए. जेलों को अपराधियों की शरण स्थली और अपराध संचालन का अड्डा नहीं बनना चाहिए. जो लोग इसके लिए जवाबदेह है, उनको चिन्हित कर उन पर सख्त कार्रवाई करें.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि कानून व्यवस्था पर सवाल उठना विभाग के औचित्य पर सवाल है. ऐसा माहौल बनाएं कि इस तरह के सवाल ही न उठें. इसके लिए विभागाध्यक्ष खुद और अपनी टीम की जवाबदेही तय करें. हर हफ्ते कानून व्यवस्था की समीक्षा करें, प्रासीक्यूशन को इतना तेज करें कि यह अपराधियों के लिए नजीर बने.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि भ्रष्टाचार कतई स्वीकार नहीं है. ऐसे अधिकारियों और कमर्चारियों की एक सूची तैयार कर इनसे सख्ती से निपटना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे खुद मंडलीय समीक्षा करने जा रहे हैं, शिकायत मिली तो मौके पर ही ऐसी कार्ऱवाई होगी, जो नजीर बनेगी. पुलिस व्यवस्था के प्रति जो अधिकारी ईमानदारी के साथ काम नहीं कर रहा है, उसे वालंटरी रिटायर कर दीजिए. उन्होंने कहा कि जिलों में घटना घटित होती, लेकिन कप्तान को पता ही नहीं रहता. राजधानी से कहना पड़ता है, तो भी वे खुद मौके पर नहीं जाते हैं. इस तरह की औपचारिकता नहीं चलेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि फील्ड से जुड़े अधिकारी अपने विभागों की साप्ताहिक व पाक्षिक समीक्षा करें. महिला और नाबालिग बालिकाओं के साथ हो रहे अपराध को सख्ती से रोकें. महिला पुलिस अफसर खुद फील्ड में जाएं. इस तरह का अपराध करने वालों को फास्ट ट्रैक में ले जाकर सख्त सजा दिलाएं. इस पर गृह विभाग भी पूरी नजर रखे.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अपराधों पर नियंत्रण किया जा सकता है, इसके लिए अफसरों में दृढ़ इच्छा होना चाहिए. अफसरों को इसमें रुचि लेनी होगी. प्रदेश में कानून का राज हो, इसके लिए अफसरों की जवाबदेही तय हो. व्यवस्था के प्रति शिकायतें स्वीकार्य नहीं है.
सीएम योगी ने विधानभवन और सचिवालय की सुरक्षा के साथ साथ मंत्रियों, और जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने 18 जुलाई से पहले सुरक्षा को लेकर सभी तैयारी कंपलीट करने के भी निर्देश दिए. सचिवालय में कोई भी व्यक्ति असलहा लेकर नहीं आना चाहिए.
सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने की किसी को छूट नहीं दी जाएगी. अधिकारियों के एक-साथ छुट्टी पर जाने पर सीएम योगी ने नाराजगी जताई और कहा कि फील्ड में जो अधिकारी तैनात हैं, उनकी छुट्टी को लेकर पुलिस विभाग कोई नियम बनाएं. उन्होंने कहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक प्रिंसीपल के साथ बैठक करने जा रहे हैं, महिला इंस्पेक्टर व अऩ्य पुलिस अफसर उस बैठक में जाएं. प्रधानाचार्य के साथ पुलिस अधिकारी लोगों को जागरुक करें.
बालक बालिकाओं की सुरक्षा के लिए, ट्रैफिक संबंधी जानकारी के लिए जागरुकता स्कूल और कॉलेज के जरिए होनी चाहिए. इस मौके पर मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय, डीजीपी ओपी सिंह, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी आदि मौजूद थे.