Anuj Pratap Singh Encounter, ज्ञानेंद्र प्रताप/उन्नाव: बहुचर्चित सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोपी अनुज सिंह एनकाउंटर की मजिस्ट्रियल जांच पूरी हो चुकी है. इस जांच में एनकाउंटर को क्लीन चिट मिल गई है. गवाहों और तथ्यों के आधार पर बताया गया है कि अनुज सिंह को एसटीएफ ने सरेंडर करने के लिए बोला था, लेकिन उसने सरेंडर नहीं किया और एसटीएफ पर ही हमला कर दिया. आत्मरक्षा और जवाबी कार्यवाही में अनुज सिंह की मौत हुई थी. मजिस्ट्रियल जांच में मवैया गांव के दो लोगों ने गवाही दी है. वह घटना के चश्मदित हैं. जांच में एंबुलेंस ड्राइवर से लेकर एसटीएफ टीम को गवाही में शामिल किया गया है. जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है.


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कब हुआ था एनकाउंटर?
आपको बता दें, 23 सितंबर को अचलगंज थाना क्षेत्र के कुलहागाढ़ा मार्ग पर सुल्तानपुर डकैती के आरोपी अनुज सिंह का एसटीएफ ने एनकाउंटर किया था. आरोपी अनुज प्रताप सिंह अमेठी के मोहनगंज थाने के जनापुर का रहने वाला था. अनुज सुल्तानपुर डकैती गैंग का सरगना बताए जा रहे विपिन सिंह का सबसे करीबी गुर्गा था. अनुज के एनकाउंटर के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे थे. जिस पर उन्नाव के डीएम गौरांग राठी ने मजिस्ट्रियल जांच बिठाई थी. डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट राजीव राय को जांच सौंपी थी. अब सिटी मजिस्ट्रेट राजीव राय ने जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है. 


चश्मदीदों ने क्या कहा?
जानकारी के मुताबिक, जांच में मवैया गांव के दो चश्मदीदों, एसटीएफ के सदस्यों, फोरेंसिक विशेषज्ञों, पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों की टीम, फार्मासिस्ट की टीम, अनुज सिंह को अस्पताल लाने वाले एंबुलेंस के ड्राइवर ने लिखित बयान दिया है. चश्मदीदों ने बताया है कि वह सुबह अचलगंज हाईवे अंडरपास से कुलहागाड़ा की तरफ मोटरसाइकिल से जा रहे थे, तभी रास्ते में कुछ लोग दौड़ते-भागते दिखे किसी ने तेज आवाज में मोटरसाइकिल रोकने को कहा और बोला हम पुलिस वाले हैं. जैसे ही हम लोग कुछ समझ पाए अचानक गोली चलने की आवाज आई. 


एनकाउंटर की पूरी कहानी
चश्मदीदों ने बताया कि कुछ लोग एक मोटरसाइकिल को रोकने के लिए जोर से आवाज देकर बोल रहे थे कि वह पुलिस वाले हैं गाड़ी रोक दो समर्पण करने को कह रहे थे, लेकिन लगातार दोनों तरफ से गोली चल रही थी. इसी दौरान एक आदमी मोटरसाइकिल से गिरकर हमारी तरफ वाली सड़क पर फायरिंग करते हुए भाग गया. जिसके पीछे पुलिस वाले थे कुशालपुर की ओर खेतों में भी पुलिस वालों द्वारा किसी का पीछा करने व समर्पण करने के लिए आवाज आ रही थी. हम दोनों डर गए थे इसलिए चुपचाप वहीं थोड़ी दूर पर खड़े हो गए थे. थोड़ी देर में वहां एंबुलेंस और पुलिस की कई गाड़ियां आ गई काफी भीड़भाड़ हो गई. तब हम लोगों ने थोड़ा आगे जाकर देखा तो एक व्यक्ति को गोली लगी थी, जिसे पुलिस वाले एंबुलेंस में ले जा रहे थे. हम लोग भयभीत होकर वापस घर चले गए. 


अगले दिन पता चला कि घायल व्यक्ति इनामी बदमाश अनुज प्रताप सिंह था. जिससे पुलिस की मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में अनुज प्रताप सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मैंने अखबार में पढ़ा था कि सिटी मजिस्ट्रेट उन्नाव द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है, इसलिए उस दिन जो देखा वह बताने और बयान देने आ गए.


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