अयोध्या: दिवाली पर रिकॉर्ड बनाने की तैयारी, दीपोत्सव में आज जलेंगे 5 लाख 51 हजार दीप
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अयोध्या: दिवाली पर रिकॉर्ड बनाने की तैयारी, दीपोत्सव में आज जलेंगे 5 लाख 51 हजार दीप

भगवान राम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक के दृश्यों को ग्यारह झांकियों के रूप में तैयार किया गया है, जिसे अयोध्या की सड़कों पर दिखाया जा रहा है. सरकार ने इस पूरे कार्यक्रम इसे राज्य मेला घोषित कर दिया है, जिससे यह आगे भी निर्बाध गति से चलता रहे. 

सुबह 10 से 2 बजे तक भगवान श्रीराम के लीला चरित्र से जुड़ी विभिन्न झांकियों समेत भव्य शोभायात्रा निकलेगी.
सुबह 10 से 2 बजे तक भगवान श्रीराम के लीला चरित्र से जुड़ी विभिन्न झांकियों समेत भव्य शोभायात्रा निकलेगी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) अयोध्या (Ayodhya) में धूमधाम से दीपोत्सव (Deepotsav) की तैयारी में जुटी है. शनिवार (26 अक्टूबर) को सभी घाटों और समूचे अयोध्या में पांच लाख 51 हजार दीपों का जलाए जाएंगे. साथ ही 226 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास होगा. कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल अनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath), फिजी गणराज्य की उपसभापति एवं सांसद वीना भटनागर के अलावा प्रदेश के सभी मंत्री मौजूद रहेंगे.

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अयोध्या में शनिवार को सुबह 10 से 2 बजे तक भगवान श्रीराम के लीला चरित्र से जुड़ी विभिन्न झांकियों समेत भव्य शोभायात्रा निकलेगी. यह यात्रा साकेत महाविद्यालय से शुरू होकर रामकथा पार्क में समाप्त होगी. इसमें कई देशों के कलाकार भाग लेंगे. मुख्यमंत्री पौने चार बजे से चार बजे तक शोभायात्रा का अवलोकन करेंगे.

उन्होंने बताया कि इसके बाद श्रीराम-सीता का रामकथा पार्क में हेलीकॉप्टर से प्रतीकात्मक अवतरण और भरत मिलाप का कार्यक्रम होगा. सवा चार बजे से चार बजकर 40 मिनट तक रामकथा पार्क आगमन पर श्रीराम-जानकी का पूजन-वंदन, आरती और श्रीराम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक होगा. फिर शाम छह बजे तक परियोजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण और अतिथियों का संबोधन होगा.

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इस बार 7 देशों की रामलीला भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रही है. भगवान राम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक के दृश्यों को ग्यारह झांकियों के रूप में तैयार किया गया है, जिसे अयोध्या की सड़कों पर दिखाया जा रहा है. सरकार ने इस पूरे कार्यक्रम इसे राज्य मेला घोषित कर दिया है, जिससे यह आगे भी निर्बाध गति से चलता रहे. यही नहीं, ढाई हजार बच्चे बैठकर भगवान राम के जीवन, उनके धनुष-तीर व उनकी चित्र को अंतिम रूप दे रहे हैं.

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