उत्तराखंड में सिस्टम से हैं परेशान, बस डायल करें 1905, मिलेगा हर शिकायत का समाधान
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उत्तराखंड में सिस्टम से हैं परेशान, बस डायल करें 1905, मिलेगा हर शिकायत का समाधान

अगर आप भी सरकारी सिस्टम की मार से परेशान हैं और अपनी समस्या को लेकर दफ्तर से दफ्तर घूम रहे हैं तो दफ्तरों के चक्कर काटना बंद कीजिए और सीएम हेल्प लाईन में शिकायत कीजिए.

फाइल फोटो

देहरादून: अगर आप भी सरकारी सिस्टम की मार से परेशान हैं और अपनी समस्या को लेकर दफ्तर से दफ्तर घूम रहे हैं तो दफ्तरों के चक्कर काटना बंद कीजिए और सीएम हेल्प लाईन में शिकायत कीजिए. जी हां 1905 यानी सीएम हेल्प लाईन अब आम आदमी के लिए अपनी समस्या और सरकारी विभागों की शिकायत को सरकार तक पहुंचाने के लिए मुफीद जरिया बनता जा रहा है. पिछले पांच महीने के वक्त में सीएम हेल्प लाईन नें शिकायतों का अंबार लग गया है.

फरवरी 2019 में सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने सीएम हेल्प लाईन 1905 लांच की और अभी तक इसमें करीब 15837 शिकायतें मिल चुकी हैं. यानी कि अब लोग दफ्तरों के चक्कर काटने या फिर जनता दरबार में लंबी कतार लगाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाने की बजाए सीएम हेल्प लाईन के जरिए अपनी शिकायत सरकार तक पहुंचाना ज्यादा बेहतर समझ रहे हैं. 

अभी तक मिली 15837 शिकायतें
मुख्यमंत्री हेल्प लाईन की शुरुआत 23 फरवरी 2019 को सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की. इसका उद्देश्य था कि ऐसे लोग जो राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में रहते हैं और अपनी समस्या को लेकर बार बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काट सकते हैं उनकी समस्या के समाधान के लिए उचित प्लेटफार्म तैयार किया जाए और उनकी समस्याएं सुलझाई जाएं . सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने भी इसे गुड गवर्नेंस की दिशा में उठाया गया कदम करार दिया. सीएम के मीडिया कार्डिनेटर दर्शन सिंह रावत की माने तो हर स्तर पर जनता की शिकायतों की मानिटरिंग की जा रही है. 

जनता की शिकायत निस्तारण के लिए चार स्तर हैं और एल 1 , एल 2 , एल 3 व एल 4 व हर स्तर में अधिकारी की भी जिम्मेदारी तय की गई है . अभी तक सरकार को 15837 शिकायतें मिली है . इसमें 5146 शिकायतों का समाधान हुआ है और 7342 शिकायतों पर काम होने बाकी है.

लेकिन अधिकारियों ने 3337 शिकायतें फोर्स क्लोज कर दी है जिन्हें फिर से खुलवाया जाएगा . मुख्यमंत्री के मीडिया कार्डिनेटर के मुताबिक इन शिकायतों भी भी दिखवाया जाएगा कि आखिर इनके फोर्स क्लोज करने की क्या वजह रही है. 

अधिकारियों व कर्मचारियों की दक्षता भी तय करेगी हेल्पलाईन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने साफ कहा है कि राज्य में गुड गवर्नेंस की दिशा में सरकार काम कर रही है और सरकार एक कार्यसंस्कृति विकसित करना चाहती है . लिहाजा कामचोरी करने वालों व नाकारा लोगों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति भी दी जा सकती है . ऐसे में अधिकारियों व कर्मचारियों की दक्षता व कार्यकुशलता भी सीएम हेल्प लाईन के जरिए आंकी जाएगी.

जिन विभागों की ज्यादा शिकायतें होंगी उनपर भी सरकार का डंडा चलेगा. हर अधिकारी को अपने स्तर से तय समय पर शिकायत का निस्तारण करना होगा . ऐसा न होने की दशा में शिकायत खुद ब खुद दूसरे स्तर पर चली जाएगी . उस स्तर पर भी यदि कुछ काम न हुआ तो फिर अगले स्तर तक शिकायत चली जाएगी.

अंत में सीएम स्तर पर सीएम कार्यालय इसकी मॉनिटरिंग करेगा . यानी सीएम हेल्प लाईन से भी अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यकुशलता तय की जाएगी . कहा जा सकता है कि यदि यहां भी किसी अधिकारी या फिर कर्मचारी की शिकायतें मिलती रही तो भविष्य में उसके अनिवार्य सेवानिवृत्ति की जद में आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. 

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