देहरादून: एक साल बाद फिर शुरू हुआ जनता दरबार, CM त्रिवेंद्र ने सुनीं समस्याएं
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देहरादून: एक साल बाद फिर शुरू हुआ जनता दरबार, CM त्रिवेंद्र ने सुनीं समस्याएं

एक साल पहले जनता मिलन कार्यकम में एक महिला शिक्षक द्वारा हंगामा खड़ा करने के बाद जनता मिलन कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था. हालांकि मुख्यमंत्री ने देहरादून के बाहर कई जगह जनता से सीधा संवाद कर समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की.

जनता दरबार में लोगों की समस्याओं को सुनते सीएम त्रिवेंद्र रावत

देहरादून: एक साल बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जनता की समस्याओं को सुलझाने के मकसद से सीधे जनता से मिले. देहरादून में मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री ने सैकड़ों फरियादियों की समस्याओं को सुना और कई पर मंच से ही सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को एक हफ्ते में समस्याओं के निस्तारण के आदेश दिए.

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आपको बता दें कि ठीक एक साल पहले जनता मिलन कार्यकम में एक महिला शिक्षक द्वारा हंगामा खड़ा करने के बाद जनता मिलन कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था. हालांकि मुख्यमंत्री ने देहरादून के बाहर कई जगह जनता से सीधा संवाद कर समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की.

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देहरादून में सोमवार सुबह ही मुख्यमंत्री आवास के बाहर जनता की लाइन लगनी शुरू हो गई. सभी लोग मुख्यमंत्री आवास में अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे. इस जनता मिलन कार्यक्रम में ज़्यादा लोग देहरादून, मसूरी, पौड़ी, विकासनगर, उत्तरकाशी और आसपास के क्षेत्रों से ही पहुंचे थे. इस बार इस बात का खास ध्यान रखा गया कि कही हंगामा खड़ा करने वाले लोग इस कार्यक्रम में न पहुंच पाए.

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पुलिस और लोकल इंटेलिजेंस ने इस बात का खास ध्यान रखा कि आन्दोलन या धरना दे रहे लोग यहां न पंहुचे. नौकरी से हटाए जाने के बाद अभी भी 108 के पूर्व कर्मचारियों का धरना जारी है. पुलिस ने इस बात का भी ध्यान रखा कि देहरादून में किट्टी के नाम पर हुई ठगी की शिकार महिलाओं को भी प्रवेश न मिल पाए. इस जनता मिलन में पानी, सड़क, सिंचाई, बारिश में घरों में पानी भरने और सीवर की समस्याएं ज्यादा आई. इसके अलावा कई लोगों ने आर्थिक सहायता के लिए आवेदन किया जिसमें 49 को मुख्यमंत्री ने तत्काल स्वीकार कर लिया.

मसूरी के पास के गांव से आये कुलदीप सिंह ने कहा कि वो जनता मिलन में एमडीडीए यानी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा ग्रामीणों के उत्पीड़न की शिकायत लेकर आये हैं. ग्रामीण छोटे मोटे काम करके अपना गुजारा करता है. लेकिन एमडीडीए के अधिकारी नक्शा पास करने के नाम पर ग्रामीणों को. परेशान करते हैं. 

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हिमांचल सीमा पर बसे त्यूणी गांव से आये राजाराम शर्मा ने मुख्यमंत्री को अपनी समस्या बताते हुए कहा, कि हमारे गांव मे बहुत मुश्किल से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुला लेकिन राजनीतिक कारणों से इसका संचालन नही हो पा रहा है. समस्याओं पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कई तरह की समस्याएं आई हैं. बारिश में घरों में पानी भरने सहित सभी शिकायतें सुलझाने के लिए अधिकारियों को एक हफ्ते का समय दिया गया है. हमारे पास आर्थिक सहायता की भी कई मांगे आई जिनमे से 49 लोगों के लिए आर्थिक सहायता मंजूर कर ली गई हैं.

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जंगली जानवरों और बन्दरों की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने भी गम्भीरता से लिया लेकिन इसे सुलझाने में असमर्थता जाहिर की.  इस बार जनता मिलन कार्यक्रम में सिर्फ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ही नही मौजूद थे, बल्कि विभाग के सभी जिम्मेदार अधिकारियों की फौज जवाब देने के लिए मौजूद रही. हालांकि इस जनता दरबार में चुनिंदा लोगों को ही अपनी बात रखने का मौका मिला. फिर भी जिन लोगों को अपनी शिकायत रखने का मौका मिला उन्हें भरोसा है कि मुख्यमंत्री के आदेश पर उनकी समस्याओं का निस्तारण सही समय पर हो जाएगा.

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