AAP प्रवक्ता ने लगाए आरोप- कोरोना मौत के आंकड़ों में खेल कर रही उत्तराखंड सरकार
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AAP प्रवक्ता ने लगाए आरोप- कोरोना मौत के आंकड़ों में खेल कर रही उत्तराखंड सरकार

उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखण्ड सरकार के हेल्थ बुलेटिन में सिर्फ अस्पतालों में हुई मौतों को ही दर्शाया जाता है जबकि घरों और उससे चौगुनी मौतें हो रहीं है.

AAP प्रवक्ता ने लगाए आरोप- कोरोना मौत के आंकड़ों में खेल कर रही उत्तराखंड सरकार

देहरादून: आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट ने उत्तराखण्ड की बीजेपी सरकार पर कोरोना से मौत के आंकड़े छुपाने का गंभीर आरोप लगाया. आप प्रवक्ता ने कहा कि रुड़की के एक निजी अस्पताल में सोमवार देर रात यानी मंगलवार 4/5/21 1:30  बजे ऑक्सीजन की कमी से 5 मौत, हरिद्वार जिले के रुड़की में हो गई. जो कि दुखद है और उत्तराखण्ड सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है.

भट्ट ने कहा कि लेकिन 4 मई 2021 की शाम 6 बजे उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन में यह 5 मौत नहीं दिखाई गई. जबकि मौत व सभी आंकड़े पिछले 24 घंटो के बताए जाते हैं. लेकिन यहां 17 घण्टे बीतने के बाद जारी हेल्थ बुलेटिन से मौत के यह आंकड़े गायब हैं. 

आप प्रवक्ता ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार के हेल्थ बुलेटिन में हरिद्वार जिले में सिर्फ 02 मौत दिखाई गई हैं, 01 मौत मेट्रो हॉस्पिटल हरिद्वार में व 01 मौत आरोग्यम हॉस्पिटल रुड़की में. जबकि रुड़की के विनय विशाल हॉस्पिटल में भी इस दौरान ऑक्सिजन की कमी से 05 मौतें हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखण्ड सरकार के हेल्थ बुलेटिन में सिर्फ अस्पतालों में हुई मौतों को ही दर्शाया जाता है जबकि घरों और उससे चौगुनी मौतें हो रहीं है, घर पर हुई मौतों का फिलहाल कोई आंकड़ा उत्तराखण्ड की बीजेपी सरकार द्वारा नहीं दिया जाता है. अब तो यह बीजेपी सरकार अस्पतालों में हुई मौतों को भी जनता से छुपा कर मतों के आंकड़ों में भी झोल कर रही है.

भट्ट ने कहा कि उत्तराखण्ड में कोरोना से मौत का औसत 1.48% है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.10% है, मतलब साफ है कि कोरोना मरीजों की देश मे कम और उत्तराखण्ड में ज्यादा मौतें हो रही हैं. संजय भट्ट ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर प्रश्न दागते हुए पूछ है कि "तो क्या राष्ट्रीय औसत की बराबरी करने के लिए मौत की संख्या को छिपा कर ही बराबरी की जा सकती है? क्या उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर कर मौत के आंकड़ों को कम नहीं करना चाहिए?"

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