उत्तराखंड में 14 सूत्री मांगों को लेकर यूपीसीएल, यूजेवीएनएल, पिटकुल के 10 संगठनों के करीब 3500 बिजली कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन चला रहे हैं.
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देहरादून: उत्तराखंड के तीनों निगमों के ऊर्जा कर्मियों की सचिव और फिर मुख्य सचिव से वार्ता विफल होने के बाद विद्युत विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल शुरू हो गई है. पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली, एसीपी, ग्रेड पे संविदा कर्मियों का नियमितीकरण जैसी 14 सूत्री मांग को लेकर कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं. इस हड़ताल से आम लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
बैठक विफल होने के बाद कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल शुरू
सचिव ऊर्जा के साथ हुई बैठक विफल होने के बाद कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल शुरू हो गई है. इस हड़ताल से पहले लोगों से अपील की गई थी कि सभी अपने-अपने स्तर से उचित व्यवस्था कर लें ( मोबाइल फोन चार्जिंग, टॉर्च चार्जिंग आदि), जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर किसी अप्रिय घटना का सामना न करना पड़े.
करीब 3500 बिजली कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन चला रहे
14 सूत्री मांगों को लेकर यूपीसीएल, यूजेवीएनएल, पिटकुल के 10 संगठनों के करीब 3500 बिजली कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन चला रहे हैं. सोमवार को यूजेवीएनएल मुख्यालय पर सत्याग्रह और यूपीसीएल तक रैली निकालने के बाद UPCL परिसर में ही बिजली कर्मचारी धरने पर बैठे हुए हैं. शासन से तत्काल कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की. सुनवाई नहीं होने पर कार्मिकों ने 27 जुलाई की प्रथम पाली से तीनों ऊर्जा निगम में संपूर्ण हड़ताल का निर्णय लिया.
ऊर्जा निगम के कार्मिक पिछले 4 सालों से एसीपी की पुरानी व्यवस्था तथा उपनल के माध्यम से कार्य कार्योजित कार्मिकों के नियमितीकरण एवं समान कार्य हेतु समान वेतन को लेकर लगातार सरकार से वार्ता कर रहे हैं. कर्मचारियों की हड़ताल से बिजली की सप्लाई उत्पादन पर असर पड़ सकता है और आम लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
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