भारत का एकलौता मंदिर जहां दर्शन के लिए 'बादलों के बीच' जाना पड़ता है, केदारनाथ-नंदादेवी जैसी चोटियां दिखती हैं छोटी
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भारत का एकलौता मंदिर जहां दर्शन के लिए 'बादलों के बीच' जाना पड़ता है, केदारनाथ-नंदादेवी जैसी चोटियां दिखती हैं छोटी

Kartik Swami Mandir: भगवान कार्तिक स्वामी को दक्षिण भारत में स्थित कार्तिक मुरुगन स्वामी के रूप में भी जाना जाता है. उत्‍तराखंड में 3050 मीटर की ऊंचाई पर बने कार्तिक स्‍वामी मंदिर से अद्भुत नजारा दिखता है. 

Kartik Swami Mandir
Kartik Swami Mandir

Kartik Swami Mandir Uttarakhand: उत्‍तराखंड को देवभूमि कहा गया है. उत्‍तराखंड में वैसे तो देवी-देवताओं के कई प्राचीन और भव्‍य मंदिर विद्यमान हैं, लेकिन बादलों के बीच स्थित कार्तिक स्‍वामी मंदिर की भव्‍यता और पौराणिकता देखने लायक है. मंदिर के चारों ओर का अद्भुत नजारा श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचने का काम करता है. आइये जानते हैं कार्तिक स्‍वामी मंदिर से जुड़ी कथाएं.... 

उत्‍तराखंड का कार्तिक स्‍वामी मंदिर
भगवान कार्तिकेय को समर्पित कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. यह रुद्रप्रयाग-पोखरी मार्ग पर कनक चौरी गांव के पास 3050 मीटर की ऊंचाई पर क्रौंच पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. यह उत्तर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय बाल्य रूप में विराजमान है.

मंदिर से जुड़ी ये पौराणिक कथाएं 
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान भोले नाथ ने एक बार अपने दोनों पुत्रों कार्तिकेय और गणेश जी को ब्रह्मांड के 7 चक्कर लगाने को कहा. इसके बाद कार्तिकेय  ब्रह्मांड का चक्‍कर लगाने के लिए निकल पड़े. वहीं, गणेश जी ने अपने माता पिता के ही सात 7 चक्कर लगा लिया और कहा की आप ही मेरा पूरा ब्रह्मांड है. ऐसा देख भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्‍न हो गए. गणेश जी को आशीर्वाद मिला कि संसार में सबसे पहले प्रत्‍येक शुभ कार्य के पहले उनकी पूजा होगी.  

कार्तिकेय ने शरीर का त्‍याग कर दिया
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, कार्तिकेय जब ब्रह्माण्ड के 7 चक्कर लगाकर वापस लौटे तो उन्हें इस बात की जानकारी मिलती है. इसके बाद कार्तिकेय ने इस स्थान पर अपने शरीर को त्याग दिया और अपनी हड्डियों को भगवान शिव को समर्पित करते है. भगवान कार्तिक स्वामी को दक्षिण भारत में स्थित कार्तिक मुरुगन स्वामी के रूप में भी जाना जाता है. करीब 3050 मीटर की ऊंचाई पर बने कार्तिके स्‍वामी मंदिर से केदारनाथ, नंदादेवी जैसी चोटियां भी बहुत छोटी दिखाई देती हैं. 

डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
 

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