41 साल के अभिनव बिंद्रा ने क्यों नहीं की शादी, शूटर ने 26 साल की उम्र में जीता ओलंपिक गोल्ड मेडल, फिल्म से खुलेंगे जिंदगी के राज
Abhinav Bindra Birthday Special: अभिनव बिंद्रा भारतीय खेल जगत का एक ऐसा नाम है जिसका जिक्र आते ही हर भारतीय का सीना गर्व से फूल जाता है. 2008 के ओलंपिक गेम्स में अभिनव बिंद्रा 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बनने वाले पहले भारतीय बने. 28 सितंबर को अभिनव बिंद्रा का जन्मदिन है आइये इस अवसर पर आपको उनसे जुड़ी कुछ रोचक जानकारी देते हैं.
भारतीय खेल इतिहास में अभिनव बिंद्रा की अमिट छाप
अभिनव बिंद्रा ने भारतीय खेल इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. वे न सिर्फ ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय व्यक्तिगत एथलीट हैं, बल्कि उन्होंने अपने करियर में कई बड़ी उपलब्धियों को हासिल कर भारत का नाम रोशन किया है.
भारत को पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक
अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था. यह भारत का पहला व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण था. इस जीत ने उन्हें भारतीय खेल इतिहास का सबसे चमकता सितारा बना दिया.
विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक दोनों खिताब पर कब्जा
2006 में बिंद्रा ने आईएसएसएफ विश्व शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में एक और मील का पत्थर स्थापित किया. वे पहले भारतीय बने जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक दोनों खिताब एक साथ अपने नाम किए.
राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन
अभिनव बिंद्रा का प्रदर्शन 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी देखने लायक था, जब उन्होंने एक बार फिर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. 2010 में नई दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में वे भारतीय दल के ध्वजवाहक बने, जो उनके करियर का एक और गौरवशाली क्षण था.
सम्मानों की लंबी सूची
अभिनव बिंद्रा की उपलब्धियों के लिए उन्हें 2001 में भारत के सर्वोच्च खेल पुरस्कार "राजीव गांधी खेल रत्न" से सम्मानित किया गया. उस समय वे इस पुरस्कार को पाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी थे. उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 18 साल थी. इसके पहले 2000 में, उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था. 2009 में उन्हें पद्म भूषण से नवाजा गया, जो भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है.
अंतरराष्ट्रीय पहचान
2018 में अंतरराष्ट्रीय शूटिंग स्पोर्ट फ़ेडरेशन (ISSF) ने अभिनव बिंद्रा को शूटिंग का सर्वोच्च सम्मान 'ब्लू क्रॉस' से नवाजा. यह उनके अद्वितीय योगदान और खेल में उत्कृष्टता का प्रतीक है. जानकारी के मुताबिक अभिनव बिंद्रा ने 41 की उम्र में भी शादी नहीं की है.
लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद पद
2011 में अभिनव बिंद्रा को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद से सम्मानित किया गया, जो खेलों के प्रति उनके समर्पण और अनुशासन का पारितोषिक है. महेंद्र सिंह धोनी की तरह, बिंद्रा को भी इस प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया, जो उनके कद को और भी बढ़ा देता है.
एक सफल उद्यमी और CEO
अभिनव बिंद्रा खेल जगत में ही नहीं, बल्कि व्यापार की दुनिया में भी अपनी पहचान बना चुके हैं. वे 'अभिनव फ्यूचरिस्टिक' के सीईओ हैं, जो भारत में वॉल्टर पिस्टल बेचने वाली एकमात्र कंपनी है. उन्होंने कोलोराडो यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री भी प्राप्त की है.
खेलों के लिए समर्पण
अभिनव बिंद्रा ने 'अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन' नामक एक गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य भारत में खेल और फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. उनका लक्ष्य है कि भारत में उभरते एथलीट्स को बेहतर अवसर और संसाधन मिलें, ताकि वे भी ओलंपिक जैसे मंच पर देश का नाम रोशन कर सकें.
पेरिस ओलंपिक 2024 में ओलंपिक मशालवाहक
अभिनव बिंद्रा ने पेरिस में होने वाले 2024 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए ओलंपिक मशाल को आगे बढ़ाने का गौरव भी हासिल किया. यह सम्मान उनकी खेल उपलब्धियों और ओलंपिक में उनके योगदान को और अधिक महिमामंडित करता है.
अभिनव बिंद्रा पर फिल्म
अभिनव बिंद्रा पर बायोपिक भी बन रही है जिसमें अनिल कपूर अभिनव बिंद्रा का पिता का रोल निभा रहे हैं. इस फिल्म में अनिल कपूर के बेटे हर्षवर्धन पर दिखाई देंगे. हालांकि वही अभिनव बिंद्रा होंगे या कोई और इसकी जानकारी सामने नहीं आई है. अंग्रेजी अखबार ईटाइम्स को दिये एक इंटरव्यू में अनिल कपूर ने बताया था कि यह फिल्म 2024 में रिलीज हो सकती है.
अभिनव बिंद्रा: एक प्रेरणा
अभिनव बिंद्रा की यात्रा सिर्फ एक एथलीट की नहीं, बल्कि एक प्रेरणा की कहानी है. भारतीय खेल जगत में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा. उनके जन्मदिन पर हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा.