चारधाम यात्रा से पहले बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं के लिए नई गाइडलाइन जारी की है जिसका उल्लंघन करने पर पांच हजार तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. तो आइये जानते हैं क्या हैं चारधाम यात्रा के ये नए नियम.
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ शुरू हो गई है. केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई से और और बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई से श्रद्धालुओं के लिए खोले जा रहे हैं.
बदरीनाथ मंदिर परिसर में फोटो खींचने और वीडियो कॉलिंग पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है. इन नियमों का उल्लंघन करने पर 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान रखा गया है.
मंदिर प्रशासन के अनुसार, फोटो और वीडियो कॉलिंग से अनावश्यक भीड़ बढ़ती है. इससे दर्शन में बाधा उत्पन्न होती है और इससे दूसरे श्रद्धालुओं को असुविधा होती है. भीड़ और असुविधा हादसे का कारण बन सकते हैं.
चारधाम यात्रा में भाग लेने के लिए श्रद्धालुओं को ऑनलाइन या ऑफलाइन पंजीकरण कराना जरूरी होगा. रजिस्ट्रेशन के बिना किसी को भी दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी.
तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए अलग से पार्किंग की व्यवस्था की गई है. सड़कों पर वाहन खड़ा करने पर चालान किया जाएगा. इसलिए अगर आप अपने वाहन से बदरीनाथ या केदरानाथ दर्शन को जा रहे हैं तो पार्किंग के नियमों को जरूर जान लें.
चमोली जिले में गौचर, पाण्डुकेश्वर, माणा पास और बीआरओ चौक जैसे स्थानों पर रजिस्ट्रेशन की जांच की जाएगी. यात्रियों को मंदिर दर्शन के लिए टोकन भी दिए जाएंगे जिसमें टाइम स्लॉट तय होगा.
मंदिर के आसपास भीड़ को नियंत्रित करने के लिए केवल उन्हीं दुकानदारों को दुकान लगाने की अनुमति दी जाएगी, जो 25-30 वर्षों से यह कार्य कर रहे हैं.
दर्शन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए टाइम स्लॉट सिस्टम लागू किया गया है. इससे भीड़ नियंत्रण और सभी को दर्शन का उचित समय मिल सकेगा.
होटल और धर्मशालाओं में 13 भाषाओं में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के क्यूआर कोड लगाए जाएंगे. सभी प्रतिष्ठानों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.