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कब खुल रहे हैं केदारनाथ धाम के कपाट, जानें बनारस से रेल, बस या हवाई जहाज क्या रहेगा बेस्ट

केदारनाथ धाम के कपाट इस साल 2 मई से भक्तों के लिए खुल रहे हैं. अगर आप उत्तर प्रदेश के बनारस या आसपास के जिले या कस्बे में रहते हैं और केदारनाथ धाम जाने की योजना बना रहे हैं लेकिन इस बात को लेकर असमंजस में है कि हवाई, सड़क और रेल मार्ग में क्या बेहतर रहेगा.

केदारनाथ 12 ज्योतिरलिंगों में से एक

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केदारनाथ 12 ज्योतिरलिंगों में से एक

केदारनाथ धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिरलिंगों में से एक है. इस क्षेत्र में सर्दियों में भारी बर्फबारी और धार्मिक रीति-रिवाजों की वजह से यह मंदिर साल के कुछ ही महीनों के लिए खुलता है. क्योंकि अगर बर्फबारी और खराब मौसम के बावजूद मंदिर बंद नहीं किया गया तो श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते रहेंगे और खराब मौसम की वजह से हादसे के शिकार हो सकते हैं. 

भक्तों को रहता है बेसब्री से इंतजार

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भक्तों को रहता है बेसब्री से इंतजार

मंदिर साल में केवल कुछ ही महीनों के लिए खुलता है, इसलिए भक्तों को इसके कपाट खुलने का बेसब्री से इंतजार रहते है. इस साल केदारनाथ धाम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए 2 मई को सुबह  7 बजे खोले जा रहे हैं.  

बनारस से केदारनाथ कैसे पहुंचें

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बनारस से केदारनाथ कैसे पहुंचें

अगर आप बनारस या इसके आसपास के क्षेत्र में रहते हैं तो आइये आपको बताते हैं बनारस से केदारनाथ धाम जाने के क्या-क्या विकल्प हैं और कौन सा विकल्प आपके लिए बेस्ट रहेगा. बनारस से केदारनाथ धाम मंदिर जाने के लिए तीनों विकल्प यानी सड़क मार्ग, हवाई-जहाज और रेलमार्ग उपलब्ध हैं. लेकिन सवाल ये उठता है इन तीनों में से कौन-सा आपके लिए सबसे बढ़िया रहेगा. 

कई किलोमीटर की पैदल चढ़ाई

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कई किलोमीटर की पैदल चढ़ाई

सबसे पहले आपको बता दें कि सड़क, हवाई जहाज या फिर रेल मार्ग,  तीनों ही मार्ग से आप सीधे मंदिर तक नहीं जा सकते हैं, मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ेगी. यह पैदल यात्रा काफी चढ़ाई वाली होती है इसलिए शारीरिक रूप से स्वस्थ लोग ही इस यात्रा को कर सकते हैं. 

गौरीकुंड या सोनप्रयाग से पैदल यात्रा व हेलीकॉप्टर

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गौरीकुंड या सोनप्रयाग से पैदल यात्रा व हेलीकॉप्टर

केदारनाथ धाम के लिए पैदल यात्रा गौरीकुंड और सोनप्रयाग से आरंभ होती है. गौरीकुंड से 14 किमी तो वहीं सोनप्रयाग से 21 किमी है. इसके अलावा गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर सुविधा और खच्चर से यात्रा का विकल्प भी उपलब्ध है. 

शुरु होने वाला है रोपवे

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शुरु होने वाला है रोपवे

केदारनाथ धाम के लिए जल्द ही सोनप्रयाग से रोपवे भी शुरू होने वाला है. इस रोपवे के शुरू हो जाने के बाद जिस यात्रा को पैदल पूरा करने में 8 से 9 घंटे लगते हैं, वही यात्रा 35 से 40 मिनट में पूरी हो सकेगी. 

बजट यात्रा के लिए रेल बेस्ट

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बजट यात्रा के लिए रेल बेस्ट

अगर आप कम बजट में केदारनाथ पहुंचना चाहते हैं ट्रेन का सफर न केवल सस्ता है बल्कि ज्यादा आरामदायक भी है. लेकिन केदारनाथ तक रेल मार्ग नहीं है, इसलिए आपको बनारस से हरिद्वार या ऋषिकेश तक की ट्रेन पकड़नी होगी, जिसके बाद आप मिनी बस या टैक्सी से गौरीकुंड तक जा सकते हैं. 

बस से केदारनाथ यात्रा

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बस से केदारनाथ यात्रा

बनारस से केदारनाथ के लिए बस टूर पैकेज आसानी से उपलब्ध हैं. टूर पैकेज के अलावा आप सार्वजनिक बस से भी केदारनाथ पहुंचने के लिए गौरीकुंड तक पहुंच सकते हैं. जिसके बाद आपको केदारनाथ तक की चढ़ाई करनी होगी. 

केदारनाथ के लिए हवाई यात्रा

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केदारनाथ के लिए हवाई यात्रा

केदारनाथ जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है.  जहां से आपको बस, कैब या फिर शेयरिंग कैब करनी होगी. इस तरह से देखा जाए तो सबसे बेस्ट रेल यात्रा है लेकिन इसमें भी आपको फिर टैक्सी या बस करनी होगी. लेकिन अगर आप बस टूर पैकेज लेते हैं तो एक बार बस में बैठिये और फिर सीधे गौरीकुंड ही उतरना होगा. 

Disclaimer

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Disclaimer

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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