Munsiyari best tourist places: मुनस्यारी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है. यह स्थान अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है. मुनस्यारी में कई दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं.
मुनस्यारी उत्तराखंड के पिथौरा जिले में स्थित एक छोटा सा हिल स्टेशन है, जिसकी प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है. ऊंचे पहाड़ और चोटियों के सुंदर नजारों के कारण इसे मिनी कश्मीर कहा जाता है.
ये हिल स्टेशन अधिकतर बर्फ से ढका हुआ हैं. आप इस सुंदर पर्यटन स्थल पर सुखद मौसम का आनंद ले सकते हैं. ट्रेकिंग ट्रेल्स के लिए भी यह जगह काफी मशहूर है. इसके आसपास घूमने वाली कई ऐसी जगह हैं, जहां आप परिवार और दोस्तों के साथा छुट्टियां मनाने जा सकते हैं. आइए जानते हैं..
बिर्थी वॉटरफॉल मुनस्यारी से 35 किमी दूर स्थित है. यहां आपको एक खूबसूरत वॉटरफॉल देखने को मिलेगा. ये कुमाऊं घाटी के सबसे अच्छे पिकनिक स्थलों में से एक है. अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं, तो आपको ये जगह जरूर पसंद आएगी. हरे-भरे परिवेश के साथ, यह जगह सुकून से बैठने, चाय और दोपहर के भोजन का आनंद लेने के लिए एक परफेक्ट प्लेस है. ये जगह प्रकृति प्रेमियों के लिए बहुत खास है.
मुनस्यारी से 3.5 किमी पैदल चलेंगे, तो महेश्वरी कुंड मिलेगा। यहां से आप पंचाचूली की खूबसूरत चोटियों के नजारे देख सकते हैं। इस जगह के साथ एक बहुत अच्छी किंवदंती जुड़ी है। यहां एक यक्ष रहते थे, जिन्हें गांव के सरपंच की लड़की से प्यार था। गांव वालों को यह बात पता चली , तो उन्होंने विरोध किया। गांव वालों से क्रोधित होकर उन्होंने इस गांव को सदा सूखा रहने का श्राप दे दिया। कई वर्षों तक गांव सूखा रहा, फिर गांव वालों के माफी मांगने के बाद यहां सूखे का अंत हुआ। हालांकि, आज आपको यहां बस एक तालाब ही मिलेगा।
थमरी कुंड कुमाऊं घाटी में सबसे आकर्षक मीठे पानी की झीलों में से एक है. झील तक पहुंचने में लंबा समय लगता है, इसलिए सुबह जल्दी शुरू करने की सलाह दी जाती है. झील आपको घने अल्पाइन पेड़ों से घिरी हुई दिखाई देती है.
नंदा देवी मुनस्यारी से करीब 2.5 किमी दूर है. नंदा देवी मुनस्यारी का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है. गेट से अंदर तक तक की दूरी 150 मीटर की है. यहां से पंचाचूली और हिमालय पर्वत का नजारा साफ देखने को मिलता है. मंदिर, 1000 साल पुराना बताया जाता है.
यह वह पर्वत है, जो मुनस्यारी से साफ तौर पर दिखाई देता है. जौहर घाटी में स्थित पांच चोटियों के कारण इसे पंचाचूली नाम दिया गया है. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय ये चोटियां सोने की तरह चमकती हैं. गर्मियों में तो ये पहाड़ पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है.
मदकोट मुनस्यारी से 5 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटा सा गांव है. ये गांव अपने प्राकृतिक गर्म पानी के झरनों के लिए प्रसिद्ध है. बहुत से लोग मानते हैं कि इस जगह का गर्म पानी त्वचा की जलन, शरीर में दर्द, गठिया और कई तरह की स्वास्थ्य बीमारियों ठीक कर देता है.
बेटुली धार मुनस्यारी से केवल 7 किमी दूर है. 9000 फीट की ऊंचाई पर स्थित, बेटुली धार पूरी तरह से खिले हुए लाल रोडोडेंड्रोन से ढका हुआ है. इस जगह की सबसे प्रमुख विशेषता यहां का सूर्यास्त और सूर्योदय है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.
यहां के पश्मीना शॉल और भेड़ के ऊन के कंबल पूरे भारत में मशहूर हैं. यह भोटिया लोगों का गांव है. यहां गांव जैसे कच्चे घर देखे जाते हैं जो कुमाऊं की संस्कृति को दर्शाते हैं. मुनिस्यारी से सिर्फ 6 किमी दूर है.
आप मुनस्यारी ट्रेन, सड़क मार्ग और फ्लाइट से पहुंच सकते हैं. मुनस्यारी के पास दो नजदीकी रेलवे स्टेशन है. काठगोदाम और टनकपुर.फ्लाइट से जाते हैं तो मुनस्यारी से करीबी हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है. सड़क से आत हैं तो दिल्ली से मुनस्यारी की यात्रा करना आसान है।.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.