Uttarakhand Assembly Election 2022: भाजपा और कांग्रेस दोनों संगठन को मजबूत करने पर जुटे
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Uttarakhand Assembly Election 2022: भाजपा और कांग्रेस दोनों संगठन को मजबूत करने पर जुटे

चुनावी समर में कूदने से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने संगठनों के जरिए मोर्चाबंदी शुरू कर दी है. दोनों ही पार्टियों का फोकस बूथ स्तर तक अपने संगठन को मजबूत करने पर है. 

Uttarakhand Assembly Election 2022: भाजपा और कांग्रेस दोनों संगठन को मजबूत करने पर जुटे

कुलदीप नेगी/देहरादून: देवभूमि के सियासी दंगल में उतरने से पहले दोनों ही सियासी दल (बीजेपी और कांग्रेस) अपनी संगठनात्मक व्यूहरचना को मजबूत करने पर जुट गए हैं. जहां एक तरफ बीजेपी ने संगठनात्मक दृष्टि से गठित सभी 14 जिलों के कोर ग्रुप बना दिए हैं, बूथ से लेकर पन्ना प्रमुख एक्टिव किये जा रहे हैं तो वहीं, कांग्रेस भी न्याय पंचायत स्तर तक अपने संगठन को एक्टिव करने में जुट गई है.

दोनों ही पार्टियां संगठन को मजबूत करने में जुटी 
चुनावी समर में कूदने से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने संगठनों के जरिए मोर्चाबंदी शुरू कर दी है. दोनों ही पार्टियों का फोकस बूथ स्तर तक अपने संगठन को मजबूत करने पर है. प्रदेश बीजेपी ने संगठनात्मक दृष्टि से बनाए गए सभी 14 जिलों के कोर ग्रुप का ऐलान कर दिया है. इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, सांसदों और विधायकों के साथ ही जिले के पदाधिकारियों को शामिल किया गया है.

इन नेताओं को मिली जिम्मेदारियां 
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को उधमसिंह नगर जिले के कोर ग्रुप में शामिल किया गया है, तो केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट को नैनीताल के. पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को हरिद्वार तो पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देहरादून और पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पौड़ी जिले के कोर ग्रुप में शामिल किया गया है. इसी तरीके से कैबिनेट मंत्रियों को भी उन्हीं के संबंधित जिलों के कोर ग्रुप में शामिल किया गया है.

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जिला कोर ग्रुप करेगा यह काम 
बीजेपी का मानना है कि चुनाव के लिहाज से यह कोर ग्रुप काफी महत्वपूर्ण है. जिला स्तर पर किसी भी फैसले को लेकर कोर ग्रुप की अहम भूमिका रहेगी. यह माना जा रहा है कि पार्टी के कार्यक्रमों को निचले स्तर तक पहुंचाने के साथ ही चुनाव के लिहाज से जिला कोर ग्रुप की अहम भूमिका होगी. इसके साथ ही पार्टी में नए चेहरों को शामिल करने के फैसले में भी कोर ग्रुप के निर्णायक भूमिका होगी. एक तरह से जिला कोर ग्रुप प्रदेश संगठन को जिला स्तर पर फीड बैक देने का काम करेगा.

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कांग्रेस बूथ स्तर पर खुद को मजबूत करने में जुटी 
संगठनात्मक दृष्टि से देखें तो बीजेपी कांग्रेस के मुकाबले काफी मजबूत है, क्योंकि वर्ष भर बीजेपी संगठन पूरी तरह से एक्टिव मोड़ में ही रहता है. लेकिन, कांग्रेस के सामने चुनौतियां कुछ ज्यादा है. हालांकि कांग्रेस के महामंत्री संगठन मथुरादत्त जोशी कहते हैं कि कांग्रेस ने भी बूथ स्तर तक काफी एक्सरसाइज की है. उपाध्यक्षों को जिलों का प्रभारी बनाया गया है. महामंत्रियों को संगठनात्मक जिलों का प्रभारी बनाया गया है. हर विधानसभा में सचिव की नियुक्ति की गई है. बूथ कमेटी, ब्लॉक कमेटी और न्याय पंचायत स्तर पर कमेटियों का गठन किया जा रहा है.

संगठन जितना मजबूत होगा पार्टी उतनी ही मजबूत रहेगी और उतना ही मजबूत होगा 2022 में उत्तराखंड की सत्ता पर काबिज़ होने का दावा. बहरहाल कोशिशें अपनी अपनी है , देखना होगा किसका संगठन ज्यादा मजबूती के साथ 2022 के मोर्चे पर मजबूती से टिका रहता है.

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