Zee Education Conclave 2025: उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने सोमवार को जी एजुकेशन कॉन्क्लेव में शिरकत की. उन्होंने राज्य में नई शिक्षा के साथ गरीब बच्चों की एजुकेशन से लेकर मदरसों पर कार्रवाई पर भी अपने विचार रखे.
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Zee Education Conclave 2025: दिल्ली में सोमवार को जी एजुकेशन कॉन्क्लेव (Zee Education Conclave) का आगाज हुआ. इसमें उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी. आइडियाज ऑन एजुकेशन में देवभूमि उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश ने पढ़ाई के मामले में कई रिकॉर्ड बनाए हैं. यहां की परिस्थिति अलग होने के बाद यहां एजुकेशन ऊंचाई पर है. देश में सर्वाधिक साक्षरता दर में केरल के बाद दिल्ली में है और उसके बाद उत्तराखंड है. हमारे यहां नामी गिरामी स्कूल और यूनिवर्सिटी है और दूर-दूर से बच्चे एजुकेशन के लिए आते हैं. आइए जानते हैं उत्तराखंड की एजुकेशन व्यवस्था के साथ मदरसों पर कार्रवाई को लेकर शिक्षा मंत्री ने क्या कहा....
मदरसों में संस्कृत पढ़ाने पर क्या बोले धन सिंह रावत...
उत्तराखंड में मदरसों पर कार्रवाई के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि नाजायज मदरसों के खिलाफ कार्रवाई होगी. जो सरकारी है उनकी मदद भी की जा रही है. यहां पर मदरसों के लिए नियम कड़े हैं. मदरसों में किसी एक भाषा को जरूरी पढ़ाने के सवाल पर कहा कि बच्चे जैसे पढ़ने चाहें पढ़ें, कोई रोक नहीं है. उन्होंने कहा कि ये राज्य पर्वतीय है और बच्चों को यहां के बारे में पता होना चाहिए. हमने ऑप्शन दिया है. बच्चा किसी भी भाषा में पढ़ सकता है. ये राज्य की भाषा है.
उत्तराखंड और महापुरुषों के इतिहास पर क्या कहा...
न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत मुगलों का इतिहास पढ़ाने पर कहा कि उत्तराखंड चार धाम की भूमि हैं इसलिए बच्चों को यहां का इतिहास जानना चाहिए. हम चाहते हैं कि बच्चे यहां के बारे में जानें. उत्तराखंड का इतिहास पढ़ें, मेले , महापुरुषों के बारे में जानें. एनसीआरटी, एससीआर टी का चरित्र पढ़ सकते हैं. हम भारत का इतिहास पढ़ाना चाहते हैं. पीएम मोदी ने अच्छी पहल की है और हमने लागू कर दिया है.
गरीब बच्चों के लिए हॉस्टल
गरीब बच्चों के लिए हम काम कर रहे हैं. गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए बहुत कुछ दिया जा रहा है. इसलिए अब ये बात नहीं उठेगी की किताबों की कमी की वजह से पढ़ाई रूक गई. भीख मांगने वाले बच्चों के लिए पढ़ाई की कोई कमी न हो इसलिए ऐसे बच्चों के लिए हॉस्टल है. इनमें गरीब बच्चों के लिए पूरी शिक्षा फ्री है. 1300 बच्चे हॉस्टल में पढ़ाई क रहे हैं.
हमारे यहां से सेना में जाते हैं बच्चे
हमारे यहां से बहुत से बच्चे सेना में जाते हैं. धन सिंह रावत ने कहा कि अगर यहां का कोई बच्चा एनडीए में निकलता है तो एक लाख देते हैं. इतना ही नहीं सरकार की तरफ से निशुल्क कोचिंग देते हैं. हम सुपर 30 में एडमिशन देते हैं जो कि पूरी तरह निशुल्क है. अब तक करीब 30 में से 25 बच्चे एनडीए में निकल जाते हैं. अग्निवीर योजना पर बोलते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि यहां के लोग अग्निवार योजना से खुश हैं.
राज्य का ड्रॉप आउट जीरो
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है. हमारे यहां की चुनौतियां अलग हैं. मैं कह सकता हूं की यहां सर्वाधिक सुविधाएं हैं. हमारा राज्य अच्छी शिक्षा के रूप में जाना जाता है. यहां शिक्षा में बहुत प्रयोग होते हैं. हमारे यहां जीआवी बहुत अच्छा है. उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए हमारे यहां काम किया जाता है. हमारे राज्य का रिजल्ट 94 पर्सेंट है और हम बच्चों की ग्रेडिंप ध्यान दे रहे है. राज्य का ड्रॉप आउट जीरो है.
11 बच्चों पर एक टीचर
धन सिंह रावत ने कहा कि 40 लाख बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं. शायद ही कोई गांव होगा जहां स्कूल न हो. हमारे यहां 12 हजार प्राइमरी स्कूल हैं और 17 हजार सरकारी स्कूल हैं. उत्तराखंड में टीचर और छात्र रेश्यू बहुत अच्छा है. पूरे देश में 30 बच्चों पर 1 टीचर है और हमारे यहां पर 11 बच्चों पर एक टीचर है. ये बताता है कि यहां शिक्षा कैसी है. राज्य में टीचर भी काफी है.
एक बच्चे के लिए भी स्कूल और टीचर
फ्री नोट बुक देने के सवाल पर धन सिंह रावत ने कहा कि पूरे राज्य में साढ़े 38 लाख बच्चे इंटरमीडिएट बच्चे हैं. हम लोग बैग,जूते, किताबें देते हैं. नोट बुक की मांग बहुत साल से की जा रही थी. इसलिए सभी को दी जाने लगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी गांव में एक बच्चा भी है तो उसके लिए टीचर, क्लास सब कुछ है. उत्तराखंड का टारगेट है कि 2025 में 100 प्रतिशत एजुकेशन मिले.