उत्तराखंड में तीन सालों में 29 करोड़ का 'जहर' जब्त, टारगेट पर बच्चे और नौजवान
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उत्तराखंड में तीन सालों में 29 करोड़ का 'जहर' जब्त, टारगेट पर बच्चे और नौजवान

उत्तराखंड में साल दर साल ड्रग्स स्मगलिंग के मामले बढ़ते जा रहे हैं. पिछले तीन सालों में राज्य में 29 करोड़ रुपए से अधिक की ड्रग्स स्मगलिंग की खेप पकड़ी गई है.

सांकेतिक तस्वीर

अनुज/ देहरादून: एनसीबी की कार्रवाई के बाद बॉलीवुड और ड्रग्स के रिश्ते उजागर हुए हैं. सिर्फ माया नगरी मुंबई में ही नहीं शांत वादियों वाले उत्तराखंड से भी ड्रग्स का कनेक्शन जुड़ा है. उत्तराखंड में साल दर साल ड्रग्स स्मगलिंग के मामले बढ़ते जा रहे हैं. देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल के साथ कई पर्यटक स्थलों पर ड्रग स्मगलिंग का काला कारोबार चल रहा है. ड्रग स्मगलर स्कूली बच्चों, कॉलेज में पढ़ने वाले और कामकाजी युवाओं को अपना निशाना बना रहे हैं. उत्तराखंड पुलिस ड्रग स्मगलिंग के सरगनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का दावा कर रही है. 

हर साल हजारों गिरफ्तारी 
पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में चरस, स्मैक,अफीम, गांजा, हीरोइन, भांग के साथ नशीली गोलियां, कैप्सूल और इंजेक्शन की स्मगलिंग होती है. एक आंकड़े के मुताबिक 2018 में पूरे प्रदेश में 1063 ड्रग स्मगलिंग के मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें 1133 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. 2019 में ड्रग स्मगलिंग के मामले में बड़ा इजाफा हुआ है. पूरे प्रदेश में 1396 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें 1158 ड्रग स्मगलिंग के मामले में गिरफ्तारियां हुई हैं. 2020 के अगस्त महीने तक पूरे प्रदेश में 682 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि 799 आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है. 

तीन साल में 29 करोड़ जब्त 

अगर पिछले 3 सालों में देखें तो उत्तराखंड जैसे राज्य में 29 करोड़ रुपए से अधिक की ड्रग्स स्मगलिंग की खेप पकड़ी गई है.  डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार का कहना है कि पुलिस के सामने चुनौतियां बढ़ रही हैं.  ड्रग का सेवन करने वाले कई तरह के संगीत वारदातों में शामिल होते है.  ऐसे में पुलिस ड्रग माफियाओं के नेक्सस को तोड़ने की जुगत में लगी है. उन्होंने कहा कि पुलिस ड्रग स्मगलर के सरगनाओं के खिलाफ एसटीएफ, एसओजी को टास्क दे रही है. 

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