देसी घी उत्पादन में नंबर वन यूपी का ये जिला, हर परिवार में दूध दही मक्खन का कारोबार
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देसी घी उत्पादन में नंबर वन यूपी का ये जिला, हर परिवार में दूध दही मक्खन का कारोबार

Shudh Desi Ghee: देसी घी खरीदते समय उसकी शुद्धता को लेकर सवाल रहता है. यही वजह है कि कई दफा देसी घी खरीदने से लोग कतराते हैं, लेकिन उत्‍तर प्रदेश एक शहर ऐसा है, जो देसी घी उत्‍पादन में पहले स्‍थान पर है.   

सांकेतिक तस्‍वीर
सांकेतिक तस्‍वीर

Etawah Famous for Shudh Desi Ghee: घर में पूजा-पाठ से लेकर खाने तक देसी घी का इस्‍तेमाल किया जाता है. देसी घी की शुद्धता को लेकर काफी लोगों के मन में संशय बना रहता है. यही वजह है कि लोग बाजार से देसी घी खरीदना कम पंसद करते हैं. यूपी के इटावा का देसी घी अपनी शुद्धता को लेकर अलग पहचान बनाए हैं. इटावा में बनने वाले देसी घी की शुद्धता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता. यह शहर देसी घी उत्‍पादन में पहले स्‍थान पर है. 

इटावा को शुद्ध देसी घी 
इटावा का देसी घी न केवल प्रदेश बल्कि देश भर में फेमस है. दूर-दूर के लोग घी खरीदने के लिए इटावा आते हैं. इसने अपनी पहचान बना रखी है. इटावा के हर घर में देसी घी तैयार किया जाता है. इसे बड़े घी कारोबारियों को बेचा जाता है, जो इसे देशभर में सप्लाई करते हैं. इसके बाद यहां का घी कोने-कोने तक पहुंचता है. 

एगमार्क टैग 
इटावा का निर्मल देसी घी नामक ब्रांड को भारत सरकार द्वारा एगमार्क टैग दिया गया है, जो इसकी शुद्धता का प्रमाण है. इटावा में रामलीला रोड स्थित प्लांट में आधुनिक मशीनों के साथ पारंपरिक तरीकों से भी घी का उत्पादन किया जाता है.  यहां की घी की शुद्धता पर कोई सवाल नहीं उठाता, इसके पीछे का कारण यह है कि इस प्‍लांट में शुद्धता मापने के लिए फार्मासिस्‍ट की तैनाती की गई है. 

फॉर्मासिस्‍ट की तैनाती 
फार्मासिस्‍ट इस प्‍लांट में तैयार देसी घी को परीक्षण करने के बाद ही ब‍िक्री के लिए बाहर भेजते हैं. परीक्षण में कड़ी प्रतिक्रियाओं का पालन किया जाता है. बताया गया कि यहां के देसी घी की शुद्धता मापने के लिए करीब चार घंटे की प्रक्रिया अपनाई जाती है. साल 1956 में यहां के देसी घी को एगमार्क मिल गया. 

लाखों किलो की सप्‍लाई 
इटावा से देशभर में लाखों किलो शुद्ध देसी घी की सप्लाई होती है. इसमें सेना के जवानों और अधिकारियों को भी यहां के देसी घी सप्‍लाई की जाती है. यहां के लोगों का कहना है कि देसी घी और पनीर का कारोबार वर्षों पुराना है. इस गांव का देसी घी पूरे जिले में मशहूर है. जिले के विभिन्न हिस्सों से लोग दूध लाकर घी बनाने का भी काम करते हैं. इटावा और आस-पास के जिलों से भी लोग यहां घी खरीदने आते हैं. इटावा के देसी घी की कीमत 800 रुपये प्रति किलोग्राम रखी गई है. ज्‍यादातर इसकी सप्‍लाई बाहर होती है. 

डिस्क्लेमर 
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. जी यूपीयूके इसके सही होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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