हाथरस कांड: गिरफ्तार PFI सदस्यों पर FIR दर्ज, पत्रकारिता की आड़ में रच रहे थे दंगों की साजिश
Advertisement

हाथरस कांड: गिरफ्तार PFI सदस्यों पर FIR दर्ज, पत्रकारिता की आड़ में रच रहे थे दंगों की साजिश

मथुरा के मांट थाने में दर्ज रिपोर्ट में बताया गया है कि अतीकउर्रहमान, आलम सिद्दीक और मसूद के पास से गिरफ्तारी के दौरान 6 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप और ''जस्टिस फॉर हाथरस'' नाम के पैंप्लेट पाए गए थे. ये चारों शांति भंग करने के हाथरस जा रहे थे.

हाथरस कांड के बहाने यूपी में जातीय हिंसा की साजिश रचने वाले चारों मास्टरमाइंड.

हाथरस: हाथरस कांड के बहाने यूपी में जातीय और सांप्रदायिक दंगों की साजिश रचने के मामले में मथुरा से गिरफ्तार किए गए PFI और CFI के चार सदस्यों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. मथुरा के मांट थाने में दर्ज रिपोर्ट में बताया गया है कि अतीकउर्रहमान, आलम सिद्दीक और मसूद के पास से गिरफ्तारी के दौरान 6 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप और ''जस्टिस फॉर हाथरस'' नाम के पैंप्लेट पाए गए थे. ये चारों शांति भंग करने के हाथरस जा रहे थे.

हाथरस कांड: पीड़िता के भाई और मुख्य आरोपी के बीच 6 महीने में 104 फोन कॉल्स, 5 घंटे की बातचीत

खुफिया एंजेसियों ने हाथरस कांड के बहाने योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश का पर्दाफाश बीते दिनों किया था. इस रिपोर्ट के मुताबिक कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जानबूझकर हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की आड़ में दंगा भड़काने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए हाथरस पीड़िता की मौत के अगले ही दिन बकायदा ''जस्टिस फॉर हाथरस'' नाम से एक वेबसाइट तैयार की गई, जिस पर भड़काऊ कॉन्टेंट लोगों को परोसा जा रहा था. इस वेबसाइट के जरिए विदेशी चंदा भी इकट्ठा किया गया, जिसका प्रयोग यूपी में जातीय दंगे भड़काने में होना था. ज्यादातर फंडिंग इस्लामिक देशों से आने की बात भी सामने आई है. 

हाथरस कांड के बहाने जातीय हिंसा की साजिश रचने वाले PFI और CFI के 4 सदस्य गिरफ्तार

एफआईआर में कहा गया है, ''वेबसाइट के माध्यम से कई प्रकार के राष्ट्र विरोधी दुष्प्रचार भारत में किए जा रहे हैं. जैसे मॉब लिंचिंग की घटना का दुष्प्रचार, हाल में मजदूरों का पलायन एवं कश्मीर में विघटनकारी तत्वों के समर्थन में व्यापक प्रचार इत्यादि प्रमुख हैं. इसी प्रकार जस्टिस फॉस हाथरस वेबसाइट का मूल उद्देश्य जातिगत विद्वेष को बढ़ावा देना और समाज में अस्थिरता पैदा करना था. इस वेबसाइट के जरिए लोगों को दंगे के दौरान अपनी पहचान छुपाने की जानकारी दी गई. यह हरकत IPC की धारा 153a और 295a के अंतर्गत आपराधिक श्रेणी में आती है.''

हाथरस कांड: एक ​हफ्ते में जांच पूरी नहीं कर सकी SIT, मुख्यमंत्री योगी ने दिए 10 और दिन

एफआईआर में कहा गया है कि इस वेबसाइट को चलाने वाले लोगों का उद्देश्य राज्य सरकार के प्रति घृणा पैदा करना था, जो IPC की धारा 124A के अंतर्गत राजद्रोह में आता है. UAPA की धारा 17 व 18 और IT Act की धारा 6572 और 75 के अंदर भी यह अपराध आता है. आपको बता दें कि पुलिस जस्टिस फॉर हाथरस वेबसाइट की जांच इन बिंदुओं पर कर रही है कि प्लेटफॉर्म किसके द्वारा, किस उद्देश्य से बनाया गया है. अब तक इस वेबसाइट से कितनी धनराशि एकत्र की गई, जो धनराशि एकत्र की गई है, उसे कहां इस्तेमाल किया गया है, किन लाभार्थियों के खाते में भेजा गया है.

WATCH LIVE TV

Trending news