प्रदेश में जारी भारी बर्फबारी के बीच रिपीटर सेंटर में वन विभाग के कर्मचारी तैनात रहते हैं. यहां रहना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं है. क्योंकि यहां रात के समय तापमान माइनस 5 तक चला जाता है.
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नैनीताल: वन विभाग के कर्मचारी भी फौजी की तरह विषम परिस्थितियों में जंगलों की सुरक्षा करते हैं. प्रदेश में जारी भारी बर्फबारी के बीच रिपीटर सेंटर में वन विभाग के कर्मचारी तैनात रहते हैं. यहां रहना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं है. क्योंकि यहां रात के समय तापमान माइनस 5 तक चला जाता है. यहां पीने का पानी तक 3 किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है.
देश के दुश्मनों पर कर्मचारियों की नजर
नैना पीक पर बना कुमाँऊ क्षेत्र में एक रिपीटर सेंटर है. जहां से वन विभाग ना सिर्फ पूरे कुमाँऊ पर खास नजर रखता है. बल्कि भारत तिब्बत बॉर्डर और नेपाल बॉर्डर तक उसकी पैनी नजर रहती है. समुद्र तल से 8622 फ़ीट की ऊंचाई पर बने इस रिपीटर सेंटर में वन विभाग के कर्मचारी हर वक्त तैनात रहते हैं. जंगल में अवैध शिकार करने की सूचना हो या कोई दैवीय आपदा, इस रिपीटर सेंटर से सारी सूचनाएं हेडक्वार्टर को दी जाती हैं.
जंगल की सुरक्षा पर नजर रखते हैं कर्मचारी
नैना देवी बर्ड कंजर्वेशन सेंटर की रेंजर ममता चंद्र ने बताया कि गर्मियों में जंगलों की सबसे बड़ी समस्या होती है आग लगना और हवाओं के कारण उसका फैलना, लेकिन यहां काम करने वाले कर्मचारी बिना सर्दी और गर्मी की परवाह किए जंगल में होने वाली किसी भी हलचल पर कड़ी नज़र रखते हैं और सारी सूचनाएं आगे पहुंचाते हैं.
बर्ड वॉचिंग के लिए दुनिया भर में मशहूर है नैना पीक
ये पूरा इलाका बर्ड वॉचिंग के लिए दुनिया भर में मशहूर है. इस मौसम में यहां कई विदेशी पक्षी भी आते हैं और इसी की आड़ में कई बार अवैध शिकार की भी आशंका बनी रहती है, लेकिन यहां पक्षियों का अवैध शिकार ना हो पाए इसके लिए एक अलग से व्यवस्था बनाई गई है. यहां पक्षियों की सुरक्षा में अलग से कर्मचारी को तैनात किया गया है.