पूर्व MLC हाजी इकबाल को प्रवर्तन निदेशालय की जांच में मिली राहत
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पूर्व MLC हाजी इकबाल को प्रवर्तन निदेशालय की जांच में मिली राहत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के बेटे मोहम्मद अफजल को दो हफ्ते में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) लखनऊ में अपना पक्ष रखने का समय दिया है. हांलाकि, कोर्ट ने ED की जांच में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है.

पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल.

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: सहारनपुर के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल व उनके परिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से फौरी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने ईडी की कार्रवाई को लेकर हाजी इकबाल व उनके परिवार के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

कोर्ट ने पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के बेटे मोहम्मद अफजल को दो हफ्ते में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) लखनऊ में अपना पक्ष रखने का समय दिया है. हांलाकि, कोर्ट ने ED की जांच में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश जस्टिस सुनीत कुमार की एकलपीठ ने मोहम्मद अफजल व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. 

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भारत सरकार के सहायक सॉलीसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश ने हाईकोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि ED ने मनी लॉड्रिंग के आरोप में नोटिस जारी कर कुछ पेपर दिखाने के लिए बुलाया है. इनके खिलाफ फर्जी कंपनियों के जरिये मनी लॉड्रिंग की जांच की जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने पहले 25 सितबंर को बुलाया था. अब 22 अक्टूबर को बुलाया गया है.

उन्होंने बताया कि याची जांच में सहयोग करने के बजाय उसे हाईकोर्ट में चुनौती देकर उलझाये रखना चाहते हैं. याची का कहना था कि इसी मामले में कंपनी कोर्ट में केस चल रहा है, इसलिए ED को अलग से उसी मामले में जांच करने का कोई अधिकार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि यह आपत्ति ED के समक्ष भी उठायी जा सकती है. कोर्ट ने याची को ED के समक्ष हाजिर होकर अपना पक्ष रखने को कहा है.

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गौरतलब है कि पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल पर माइनिंग से करोड़ों की अकूत सम्पत्ति अर्जित करने का आरोप है. जिस मामले में शिकायतकर्ता रणवीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एक PIL भी दाखिल की थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. लेकिन कंपनी एक्ट में सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस दिल्ली ने साल 2017 में इस मामले में शिकायत दर्ज कर जांच शुरु कर दी थी. जिसका ट्रायल भी कंपनी एक्ट के स्पेशल जज द्वारका की कोर्ट में चल रहा है, लेकिन इसी बीच अगस्त 2017 में गृह मंत्रालय ने ED को इस मामले की जांच के लिए पत्र लिखा.

जिसके आधार पर ईडी ने भी मामले में शिकायत दर्ज कर जांच शुरु कर दी. एक ही मामले में दो सेंट्रल ऐजेंसियों के जांच कराये जाने को याचिका में चुनौती दी गई थी. याचियों की ओर से कहा गया था कि इस मामले की जांच जब सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस दिल्ली कर रही है तो ईडी को इस मामले में जांच का कोई अधिकार ही नहीं है. 

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