पूर्व CM हरीश रावत ने ''ऑल वेदर रोड'' प्रोजेक्ट पर उठाए सवाल, कहा- सारे पहाड़ हिला कर रख दिए
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पूर्व CM हरीश रावत ने ''ऑल वेदर रोड'' प्रोजेक्ट पर उठाए सवाल, कहा- सारे पहाड़ हिला कर रख दिए

हरीश रावत का कहना है कि उनके समय में ही इस प्रोजेक्ट की डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार हुई थी. उस दौरान यह भी तय किया गया था कि सड़क के ​लिए मिनिमम कटिंग और मैक्सिमम विड्थ रखी जाएगी. लेकिन बजाए इसके सारे पहाड़ हिला कर रख दिए.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत. (FilePhoto)

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'चारधाम ऑल वेदर रोड' को लेकर उत्तराखंड में सियासत गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 'ऑल वेदर रोड' को 'ऑल मनी गैदर रोड' करार दिया है. उन्होंने इस सड़क की चौड़ाई और इसके निर्माण से पर्यावरण को पहुंचने वाले नुकसान को लेकर केंद्र की मोदी और राज्य की त्रिवेंद्र सरकार को कठघरे में खड़ किया है. 

हरीश रावत ने प्रोजेक्ट को कॉन्ट्रैक्टर पैराडाइज बताया
हरीश रावत का कहना है कि उनके समय में ही इस प्रोजेक्ट की डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार हुई थी. उस दौरान यह भी तय किया गया था कि सड़क के ​लिए मिनिमम कटिंग और मैक्सिमम विड्थ रखी जाएगी. लेकिन बजाए इसके सारे पहाड़ हिला कर रख दिए और चारधाम यात्रामार्ग को कॉन्ट्रैक्टर पैराडाइज बना कर रख दिया है. हरीश रावत का कहना कि 'ऑल वेदर रोड' प्रोजेक्ट के लिए हो रही पहाड़ों की कटाई के दौरान कुछ क्षेत्रों में कीमती पत्थर निकल रहे हैं, जो ठेकेदार के लिए गोल्डमाइन सिद्ध हो रहे हैं. 

हरीश रावत को भाजपा सांसद तीरथ सिंह ने दिया जवाब
ऑल वेदर रोड को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बयान पर बीजेपी सांसद व राष्ट्रीय सचिव तीरथ सिंह रावत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी सांसद का कहना है कि ये बात कांग्रेस पर फिट बैठती है, क्योंकि उनके कार्यकाल में चाहे केदारनाथ आपदा हो या फिर सड़कों का निर्माण हो, जिस तरह का भ्रष्टाचार हुआ है उसको कौन नहीं जानता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार चाहे केंद्र में रही हो या राज्य में आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई थी.

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केंद्र सरकार सड़क की चौड़ाई 5.5 से 7m करना चाहती है
आपको बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरणविदों की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार को ऑल वेदर रोड के निर्माण में सड़क परिवहन मंत्रालय के 2018 के सर्कुलर को ही लागू करने का आदेश दिया था. केंद्र सरकार की‌ ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के सामने तर्क दिया कि ऑल वेदर रोड परियोजना के अंतर्गत चीन से जुड़े सीमा क्षेत्र तक भी सड़क पहुंचनी है. ऐसे में सेना के वाहन भी इस सड़क से होकर गुजरेंगे, इसलिए चौड़ाई 5.5 मीटर से बढ़ाकर 7 मीटर रखने कि मंजूरी दी जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2018 के सर्कुलर के मुताबिक चलें. यानी 5.5 मीटर की चौड़ाई ही मेंटेन रखी जाए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है 'ऑल वेदर रोड'
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2016 में इस परियोजना की शुरुआत की थी. कुल 11,700 करोड़ रुपए की इस परियोजना के जरिए उत्तराखंड स्थित चारों धामों को 12 महीने कनेक्टिविटी वाली सड़क से जोड़ा जाना है. इसके तहत केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री आपस में हाइवे के जरिए जुड़ जाएंगे. सड़क मार्ग से श्रद्धालु चारधाम यात्रा आसानी से पूरी कर सकेंगे. प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है और केंद्र के साथ ही राज्य सरकार इसे 2022 विधानसभा चुनाव से पहले किसी तरह पूरा कर लेना चाहती है.

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