पिता ने देश के लिए गंवा दी जान, बेसहारा बेटी को नहीं मिल रही पेंशन, मंच पर रोते हुए कहा- मेरा घर भी नहीं है
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पिता ने देश के लिए गंवा दी जान, बेसहारा बेटी को नहीं मिल रही पेंशन, मंच पर रोते हुए कहा- मेरा घर भी नहीं है

गणतंत्र दिवस के मौके पर शाहजहांपुर जिले में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महेश चंद्र मिश्र की बेटी अपनी तंगहाली की बात कहकर मंच पर ही रोने लगीं.

.(फोटो- ANI)

शाहजहांपुर: गणतंत्र दिवस के मौके पर शाहजहांपुर जिले में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महेश चंद्र मिश्र की बेटी अपनी तंगहाली की बात कहकर मंच पर ही रोने लगीं. जिले के बंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत देवकली गांव में रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महेश चंद्र मिश्रा की बेटी राजेश्वरी देवी गणतंत्र दिवस के मौके पर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मंच पर ही रोने लगीं. उनका कहना था कि पिता की मौत के बाद उन्हें पेंशन मिलनी चाहिए थी जो उन्हें आज तक नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि उनके पास रहने के लिए कोई मकान भी नहीं है.

जिला प्रशासन से तमाम गुहार के बावजूद उन्हें किसी भी सरकारी आवास योजना के तहत मकान नहीं दिया गया है. राजेश्वरी देवी की 14 साल की उम्र में शादी हो गई थी लेकिन पति रमाशंकर ने 8 वर्षों के बाद उन्हें छोड़ दिया. तब से वह पिता की ही आश्रित होकर उन्हें के साथ रहने लगी. राजेश्वरी के दो बेटे विष्णु दत्त तथा संजय दोनों मजदूरी करके अपना जीवन यापन कर रहे हैं.

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 .(फोटो- ANI)

जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने मंच पर ही राजेश्वरी देवी को सांत्वना देते हुए कहा कि अब उनके संज्ञान में मामला आया है. प्रशासन उनकी पूरी मदद करेगा और जो सरकारी सुविधाएं उनको मिलनी चाहिए वह दिलाई जाएंगी. मालूम हो कि स्वतंत्रता सेनानी महेश चंद्र मिश्रा ने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. इस दौरान वह कई बार जेल भी गए . 

मिश्रा का वर्ष 1994 में निधन हो गया था. तबसे गणतंत्र दिवस में सहभागिता के लिए प्रशासन इनकी बेटी राजेश्वरी देवी को आमंत्रित करता है. 

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