वाराणसी के कैंट इलाके में नदेसर प्रधान डाकघर में सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है. प्रधान डाकघर से एक दो नहीं, बल्कि सैकड़ों खातों से करोड़ों रुपए निकाल लिए गए और किसी को खबर नहीं लगी.
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लखनऊ: वाराणसी के कैंट इलाके में नदेसर प्रधान डाकघर में सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है. प्रधान डाकघर से एक दो नहीं, बल्कि सैकड़ों खातों से करोड़ों रुपए निकाल लिए गए और किसी को खबर नहीं लगी. खाताधारकों की शिकायत पर वाराणसी के कैंट थाने की पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए फौरी तौर पर तीन डाकघर कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. डाकघर के अलग-अलग अकाउंट में से किसी से 25 लाख, एक टूर एंड ट्रेवल के अकाउंट से 20 लाख, किसी से 17 लाख तो किसी अकाउंट से 8 लाख तक रूपए निकाले गए हैं.
वाराणसी कैंट के क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार ने बताया की कुछ खाताधारक जब रुपये निकालने डाकघर गए तो पासबुक में पैसे न होने पर उनके होश उड़ गए. इसके बाद ये बात जब धीरे-धीरे कई लोग को पता चली तो सभी खाताधारक डाक घर पहुंचे. लगभग सभी के साथ ऐसा ही हुआ था जिसके बाद भीड़ ने नाराज़ होकर नारेबाजी भी की. 50 से अधिक खाताधारकों ने अपनी अपनी शिकायत दर्ज करा दी है. बाकी के खाताधारकों को भी जब ये जानकारी हुई तो उन्होंने भी अपने अकाउंट चेक किये जिसमे छोटी राशि वाले खाताधारक भी इस गबन का शिकार हुए हैं.
करोड़ों रुपये के गबन का मामला सामने आने के बाद अभी तक किसी डाकखाने के बड़े अधिकारी ने इस पर बयान जारी नहीं किया है और अधिकारियों की ख़ामोशी की वजह से खाताधारकों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. इससे पहले भी वाराणसी में साल 2016 में डीएलडब्ल्यू डाकघर में 6 करोड़ से ज्यादा के गबन के मामले की जांच सीबीआई ने की थी और इस मामले में उप डाकपाल कुमार प्रियदर्शी को ग्राहकों की जमा धनराशि फर्जी तरीके से निकाले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.