6 लेन का यह एक्सप्रेसवे एलिवेटेड होगा. जो ओखला बैराज से शुरू होगा और यमुना होते हुए यमुना एक्सप्रेसवे से जाकर जुड़ेगा. एक्सप्रेसवे से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी.
नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इसके प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई जा चुकी है. अब सिंचाई विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र का इंतजार किया जा रहा है. जिसके बाद इसके डीपीआर तैयार किया जाएगा.
बता दें पहले इस एक्सप्रेसवे का ऑन ग्राउंग निर्माण किया जाना था लेकिन अब इसे एलिवेटेड चैलेंज का ही तैयार किया जाएगा. इसकी वजह यमुना के डूब इलाके में फॉर्म हाउस और अवैध कंस्ट्रक्शन हैं. ऑनग्राउंड होने पर अवैध निर्माण बढ़ेगा.
एक्सप्रेसवे का फायदा यमुना एक्सप्रेसवे, नोएडा और ग्रेटर नोएडा तीनों को मिलेगा. दिल्ली और फरीदाबाद से आने वाले लोग सीधे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच पाएंगे. यानी उनको नोएडा एक्सप्रेसवे जाने की जरूरत नहीं होगी.
पहले इसको भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के निर्माण करने पर विचार किया जा रहा था लेकिन बाद में प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इसके यमुना प्राधिकरण, नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के निर्माण कराने पर चर्चा हुई.
बता दें कि एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा हिस्सा नोएडा प्राधिकरण में आता है, जिसकी लंबाई करीब 24 किलोमीटर होगी. यानी नोएडा को ही सबसे ज्यादा खर्च वहन करना पड़ सकता है.
इसके बनने से नोएडा में प्रवेश किए बिना ही सीधे एक्सप्रेसवे से सीधा निकल जाएंगे. यही नहीं भविष्य में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का ट्रैफिक भी आसान हो जाएगा. आगरा और लखनऊ जाने में भी आसानी होगी.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.