दरअसल, नोएडा-गाजियाबाद से रोजाना करीब एक लाख लोग रोजगार के चक्कर में फरीदाबाद आते-जाते हैं. फरीदाबाद-नोएडा के बीच यमुना होने के कारण अभी कोई सीधी सड़क नहीं है.
ऐसे में लोगों को नोएडा आने-जाने के लिए सड़क मार्ग से दिल्ली कालिंदीकुंज से जाना पड़ता है. इस मार्ग पर सुबह शाम आए दिन जाम लग जाता है. वाहन घंटों जाम में फंसे रहते हैं.
जाम से छुटकारा पाने के लिए करीब 20 साल पहले एफएनजी की योजना नोएडा प्राधिकरण की ओर से तैयार किया गया था. हालांकि, इसे अमल में नहीं लाया गया था.
वहीं, उतर प्रदेश सरकार ने अपनी सीमा पर इसके लिए सड़क का निर्माण काफी हद तक कर चुकी है. लेकिन हरियाणा के बार्डर में यह काम रुका हुआ था.
अब हरियाणा सरकार ने एफएनजी एक्सप्रेसवे के लिए हरी झंडी दिखा दी है. हरियाणा सरकार ने इसके लिए बजट भी जारी करने जा रही है.
बताया गया कि हरियाणा की सीमा पर गांव लालपुर के पास यमुना नदी के ऊपर 600 मीटर लंबा पुल बनाना प्रस्तावित है. इस पर आने वाली लागत हरियाणा और यूपी 50-50 फीसदी वहन करेंगे.
बता दें कि एफएनजी तीन बड़े शहर फ़रीदाबाद, नोएडा और ग़ाज़ियाबाद के पहले अक्षर से लिया गया है. इस एक्सप्रेसवे की स्थापना से यातायात को नियंत्रित किया जा सकेगा और फ़रीदाबाद से ग़ाज़ियाबाद की दूरी कम होगी.
एफएनजी एक्सप्रेसवे शुरू होने से व्यापारियों और कारोबारियों को अपने सामान लाने-ले जाने में भी आसानी होगी.
एक्सप्रेसवे बनने के बाद से इसमे एक बेहतर कनेक्टिवटी भी बनेगी, जो फरीदाबाद के लोगों को गाजियाबाद से जोड़ देगी.
यह सड़क नोएडा के एनएच 9 पर छिजारसी कट तक बनाए जा रहे हैं, इसलिए एफएनजी से आने वाले वाहन सीधे एनएच 9 से जुड़ जाएंगे.
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