Yamuna Expressway E-Cluster: यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे विकास की नई परियोजना को केंद्र सरकार की हरी झंडी मिल गई है. योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देने की तैयारी है. इसके लिए औद्योगिक इकाई को विशेष तरजीह दी जाएगी.
उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे ई-क्लस्टर बनाने की योजना तैयार की गई है. इस योजना को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है. केंद्र सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे को 206 एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC) निर्माण को मंजूरी दे दी है.
अधिकारियों के अनुसार, केंद्र की ईएमसी 2.0 योजना के तहत स्थापित की जा रही इस परियोजना का उद्देश्य यूपी को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के केंद्र के रूप में विकसित करना है.
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र के सेक्टर-10 में बनने वाले इस प्रोजेक्ट में फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स, समर्पित मैन्युफैक्चरिंग जोन और इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पादन को समर्थन देने के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर होगा.
यह परियोजना न केवल एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनाएगी, बल्कि बड़े पैमाने पर नौकरियां भी पैदा करेगी. 11,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 20,000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है.
इस क्लस्टर में हैवेल्स एंकर निवेशक के रूप में रहेगी. कंपनी को क्लस्टर के भीतर 50 एकड़ जमीन आवंटित की जाएगी. कंपनी इस परियोजना में 800 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. ऐसी उम्मीद है कि पहले चरण में ही 1000 से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी. उत्पादन 2026 तक शुरू हो सकता है. हैवेल्स कंपनी यहां पंखे, एयर कंडीशनर, कूलर, लाइटिंग उत्पाद, स्विचगियर और केबल जैसे घरेलू उपकरणों के उत्पादन को लेकर इस स्थान पर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करेगी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक YEIDA के सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा कि अब जब केंद्र ने परियोजना को मंजूरी दे दी है. इसके बाद हम हैवेल्स को भूमि आवंटित करने और क्लस्टर के बाकी हिस्सों के लिए रूपरेखा को अंतिम रूप देने के साथ आगे बढ़ेंगे. पूरा क्लस्टर चरणबद्ध तरीके से स्थापित किया जाएगा
सीईओ के मुताबिक केंद्र ने परियोजना के लिए 144 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. वहीं, YEIDA सड़कों, बिजली और जल आपूर्ति नेटवर्क पर 340 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे.
इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टर कुल 206 एकड़ क्षेत्र में बनेगा. इसमें से 39 क्षेत्र एकड़ सड़कों और हरित क्षेत्रों जैसे बुनियादी ढांचे के लिए इस्तेमाल होगी. हैवेल्स के अलावा इंडस्ट्रियल एरिया में 106 एकड़ में फैले 66 प्लॉट और 16 एकड़ में एक फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा.
अधिकारियों ने कहा कि ई-क्लस्टर का विकास 31 जनवरी 2028 तक पूरा कराया जाएगा. इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए डिजाइन किया गया है.
इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.नए उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और ईएमसी में आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास होगा.यह योजना नोएडा और उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण विकास की दिशा में कदम हो सकती है.
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