ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण मास्टर प्लान-2041 के तहत ग्रेटर नोएडा फेज-2 बसाने जा रहा है जिसमें वो खामियां भी दूर होंगी जो ग्रेटर नोएडा को बसाने में सामने आई.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण मास्टर प्लान-2041 के तहत ग्रेटर नोएडा फेज-2 नाम से एक नया शहर विकसित करने की योजना बना रहा है. ग्रेटर नोएडा फेज 2 गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हापुड़ और गाजियाबाद के 144 गांवों को मिलाकर 33,715.22 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा.
इस नए शहर को बड़े शहरों से कनेक्टिविटी देने के लिए कई एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ा जाएगा. इनमें यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्ग-91, राष्ट्रीय राजमार्ग-34 और राष्ट्रीय राजमार्ग-24 प्रमुख हैं.
गंगा एक्सप्रेसवे, जो मेरठ से प्रयागराज तक बनेगा, इस क्षेत्र की पूर्वी सीमा के करीब स्थित होगा. यह पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों के साथ ग्रेटर नोएडा की कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा.
भविष्य में ग्रेटर नोएडा फेज-2 को प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेसवे, उत्तर दक्षिण और पूर्व पश्चिम कॉरिडोर से भी जोड़ने की योजना है. इससे शहर के भीतर और बाहर परिवहन और भी सुगम हो जाएगा.
ग्रेटर नोएडा फेज-2 को जेवर के पास निर्माणाधीन नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ा जाएगा. इसके अतिरिक्त, बोड़ाकी में प्रस्तावित ग्रेटर नोएडा टर्मिनल और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब भी कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगे.
नोएडा हवाई अड्डे तक सीधी और बगैर किसी बाधा के पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, 130 मीटर चौड़ी सड़क को यीडा सिटी तक विस्तारित करने की योजना है. वर्तमान में यह सड़क ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव के गोलचक्कर तक बनी हुई है.
राज्य राजमार्ग हापुड़-बुलंदशहर ग्रेटर नोएडा फेज-2 क्षेत्र की पूर्वी सीमा से होकर गुजरेगा. यह क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग साबित होगा. प्रस्तावित ऊपरी गंगा एक्सप्रेसवे सनौता पुल बुलंदशहर से शुरू होकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सीमा से पहले पुरकाजी में मुजफ्फरनगर तक प्रस्तावित है. इससे भी ग्रेटर नोएडा फेज 2 को आसान कनेक्टिविटि मिलेगी.
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