Six lane elevated road: यमुना बैंक पर 6 लेन एलिवेटेड रोड बनेगी. इसके बनने के बाद नोएडा एयरपोर्ट तक सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी. फरीदाबाद और दिल्ली वालों को फायदा होगा.
आने वाले समय में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक जाने के लिए और एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक से निजात पाने के लिए एक योजना तैयार की गई है.
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को बेहतर और नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक कम करने के लिए यमुना पुश्ता पर एलिवेटेड रोड बनेगा. इस का निर्माण यूपीडा करेगी.
इस रोड के बनने से दिल्ली-फरीदाबाद के लोग सीधे एयरपोर्ट जा सकेंगे, जिससे एक्सप्रेसवे पर दबाव कम हो जाएगा और यात्रा आसान हो जाएगी.
यमुना पुश्ता पर एलिवेटेड रोड छह लेन की होगी, जिसका खर्च नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी मिलकर उठाएंगी.
नोएडा अथॉरिटी के बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद पहले इस नए एक्सप्रेसवे को 6 लेन एलिवेटेड और 8 लेन ग्राउंड पर बनाने पर विचार हो रहा था. बैठक मं तय हुआ है कि यमुना पुश्ता रोड पूरी तरह छह लेन की एलिवेटेड होगी.
सिंचाई विभाग से एनओसी मिलने के बाद डीपीआर बनेगी. नोएडा अथॉरिटी ने यमुना के डूब क्षेत्र में बने फार्म हाउस और अवैध कंस्ट्रक्शन को देखते हुए तय किया है कि यह रोड छह लेन की एलिवेटेड ही बनेगी.
इसके बनने से दिल्ली, फरीदाबाद के लोग सीधे नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट जा सकेंगे. नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे पर जाने की जरूरत नहीं होगी. एलिवेटेड रोड का सबसे ज्यादा हिस्सा नोएडा अथॉरिटी के एरिया में करीब 24 किमी का है.
अभी नोएडा-ग्रेटर नोएडा को जोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे है. यह जीरो पॉइंट पर यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ता है. अथॉरिटी की योजना है यमुना पुश्ता रोड पर एक एलिवेटड रोड बनाया जाए, जो हिंडन-यमुना दोआब होते हुए हिंडन नदी को पार कर यमुना एक्सप्रेसवे तक जाएगी.
दो स्थानों पर प्रवेश और निकास के लिए लूप या अंडरपास बनाया जाएगा. पहला लूप या अंडरपास सेक्टर-168 एफएनजी को कनेक्ट करने के लिए और दूसरा सेक्टर-149ए व सेक्टर-150 के बीच 75 मीटर चौड़ी सड़क को कनेक्ट करेगा.
एलिवेटेड रोड से यातायात को सुगम बनाया जा सकता है, जिससे जाम की समस्या कम होती है.यात्रा समय में कमी आ सकती है, जिससे लोगों का समय बचता है.एलिवेटेड रोड से सड़क हादसों की संभावना कम हो सकती है, क्योंकि यह जमीन से ऊपर होती है और यातायात को अलग-अलग स्तरों पर विभाजित करती है. एलिवेटेड रोड से जमीन के उपयोग में कमी आ सकती है, जिससे हरियाली और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो सकता है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.