12वीं पास टॉपर से 2017 में प्रशासन ने किया था सड़क बनाने का दावा, आज बाढ़ से जूझ रहा है गांव
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12वीं पास टॉपर से 2017 में प्रशासन ने किया था सड़क बनाने का दावा, आज बाढ़ से जूझ रहा है गांव

उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में लगातार होने वाली बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. गाजीपुर जनपद के भांवरकोल क्षेत्र का सियाड़ी गांव बाढ़ प्रभावित गांव है और हर वर्ष बाढ़ का पानी गांव में घुस जाता है और भारी तबाही मचाता है. साथ ही गांव का संपर्क भी जनपद के अन्य हिस्सों से कट जाता है.

बाढ़ की शुरुआत में ही इस तरह की स्थिति से ग्रामीणों में भय का माहौल है और उनको अब सरकार की सहायता का इंतज़ार है.

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में लगातार होने वाली बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. गाजीपुर जनपद के भांवरकोल क्षेत्र का सियाड़ी गांव बाढ़ प्रभावित गांव है और हर वर्ष बाढ़ का पानी गांव में घुस जाता है और भारी तबाही मचाता है. साथ ही गांव का संपर्क भी जनपद के अन्य हिस्सों से कट जाता है.

2017 में सरकार ने किया था सड़क बनाने का वादा
इसी गांव की रहने वाली अनन्या राय ने 2017 की इंटरमीडिएट परीक्षा में पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया था और सरकार ने टॉपर के गांव में सड़क बनाने का वादा किया था और इसके लिये बजट भी स्वीकृत किया था पर जनपद के अधिकारियों की घोर लापरवाही की वजह से आज तक इस गांव की सड़क नहीं बनी और लोग इस इस वर्ष भी बाढ़ के पानी में घुसकर जाने को मजबूर हैं.

बाढ़ के कारण टूटी कच्ची सड़क और पुलिया
विगत दिनों तीन-चार दिन तक हुई तेज बारिश से सियाड़ी गांव के पास बहने वाली मगई नदी में बाढ़ आ गयी जिसकी वजह से बाढ़ का पानी गांव के खेतों में घुस गया और धान की पूरी फसल नष्ट हो गई. साथ ही गांव को जोड़ने वाली कच्ची सड़क और पुलिया भी टूट गई. किसानों के फसल बर्बाद होने की वजह से जहां उनकी कमर टूट गयी है वहीं अब ग्रामीण पानी मे घुसकर कहीं भी आने-जाने को मजबूर हैं. 16 जुलाई को मुहम्मदाबाद में आयोजित मुख्य समाधान दिवस में गांव के लोग सीडीओ और  प्रभारी जिलाधिकारी हरिकेश चौरसिया से मिले और उनको बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया.

इसके बाद सीडीओ ने एसडीएम को नुकसान के आकलन का निर्देश दिया और फसल बीमा कंपनी इफको टोकियो के अधिकारी और लेखपाल ने गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. फिलहाल अभी बाढ़ की शुरुआत में ही इस तरह की स्थिति से ग्रामीणों में भय का माहौल है और उनको अब सरकार की सहायता का इंतज़ार है.

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