बीएचयू की फैकल्टी ऑफ आयुर्वेद ने एक ऐसा कोर्स शुरू करने का फैसला किया है जिसके तहत छात्रों को भूत विद्या पढ़ाई जाएगी.
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नवीन पांडे, वाराणसी: भूत होते हैं या नहीं होते हैं, इस पर आपने घंटों बहस सुनी होगी. लेकिन आपको फिर भी कोई जवाब नहीं मिला होगा. लेकिन अगर आप अब भी इन सवालों के जवाब तलाश रहे हैं तो आपको वाराणसी की बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) जाना होगा. क्योंकि बीएचयू में 'भूत विद्या' या 'साइंस ऑफ पैरानॉर्मल' का कोर्स शुरू हो रहा है.
बीएचयू की फैकल्टी ऑफ आयुर्वेद ने एक ऐसा कोर्स शुरू करने का फैसला किया है जिसके तहत छात्रों को भूत विद्या पढ़ाई जाएगी. बाकायदा 6 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स होगा और जनवरी 2020 में 'साइंस ऑफ पैरानॉर्मल' सर्टिफिकेट कोर्स की शुरुआत होगी, फीस 50000 रुपये है.
बीएचयू दुनिया की पहली यूनिवर्सिटी है जो भूत विद्या का अध्ययन कराएगी. इस कोर्स में मनोचिकित्सा के बारे में सिखाया जाएगा, जिससे अज्ञात कारणों से होने वाले मानसिक और शारीरिक बीमारियों और असामान्य मनोवैज्ञानिक हालात का इलाज किया जा सके. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड फार्मा रिसर्च के मुताबिक आयुर्वेद के जनक सुश्रुत ने भूत विद्या को आयुर्वेद की एक शाखा बताया है.
भूत विद्या का सर्टिफिकेट कोर्स वही कर सकेगा जो बीएएमएस यानी बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन या एमबीबीएस यानी बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी की पढ़ाई कर रहा हो या कर चुका हो. यूनिवर्सिटी के छात्र इस कोर्स के लिए काफी उत्साहित हैं.
जनवरी से क्लास शुरू हो जाएगी और 6 महीने में पहले बैच को सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा.तो ऐसा हो सकता है कि भूतों या पैरानॉर्मल एक्टिविटी से जुड़े आपके सभी सवालों के जवाब अब मिल जाएं.