गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में एक नया मोड़ आया है. सीने में दर्द की शिकायत के बाद इलाज के लिए गोरखपुर जिला अस्पताल पहुंचे मुख्य आरोपी डॉ कफील खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे सोची-समझी रणनीति के तहत इस मामले में फंसाया गया है. उनका यह भी कहना है कि उनकी जान को खतरा है. पिछले दिनों ऑक्सीजन की कमी से बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 48 घंटों में कुल 30 बच्चों ने दम तोड़ दिया था. इस मामले की जांच जारी है, लेकिन तत्काल रूप से बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान को आरोपी बनाया गया था.
कुछ दिन पहले डॉ कफील खान की पत्नी ने जेल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि जेल में उनके स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दिया जाता है, जिसकी वजह से वे लगातार बीमार रहते हैं. सीने में दर्द की शिकायत के बाद डॉ कफील खान को जिला अस्पताल के ह्रदय रोग विभाग में एडमिट कराया गया. जरूरी जांच के बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया.
I am being framed by the administration. A doctor is being falsely accused: Dr Kafeel Khan, an accused in the BRD Hospital, Gorakhpur infants death case, on being taken from district hospital after treatment pic.twitter.com/HM6OWBdcd5
— ANI UP (@ANINewsUP) 19 April 2018
बीआरडी मेडकल कॉलेज हादसे में नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है. डॉ कफील सितंबर महीने से ही जेल में बंद हैं. इसी हफ्ते कफील खान की पत्नी ने कहा था कि उनके पति की सेहत बिगड़ रही है. डॉक्टरों ने उन्हें इलाज के लिए लखनऊ भेजने को कहा है, लेकिन जेल प्रशासन डॉक्टरों की सलाह पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. अगस्त महीने में जब वह हादसा हुआ था उस वक्त डॉ कफील बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इन्सेफलाइटिस वॉर्ड के इंचार्ज डॉक्टर थे.
नौकरी के अलावा प्राइवेट अस्पताल चलाते थे डॉ कफील
डॉ. कफील पर नौकरी से अलग प्राइवेट अस्पताल चलाने सहित कई गंभीर आरोप लगे थे. गौरतलब, है कि डॉ. कफील उस समय सुर्खियों में आए थे जब ऑक्सीजन की कमी के समय वह अपनी गाड़ी से दोस्तों के साथ निजी अस्पतालों से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर बीआरडी अस्पताल आए थे.